फिच रेटिंग्स ने भारत की जीडीपी दर के अनुमान को घटाकर 7.2% किया

Dec 8, 2018, 09:57 IST

फिच ने जारी वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में कहा कि वर्ष 2019-20 और वर्ष 2020-21 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर क्रमश: 7 प्रतिशत और 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है.

Fitch Ratings cuts India growth forecast to 7.2 percentage on higher financing costs
Fitch Ratings cuts India growth forecast to 7.2 percentage on higher financing costs

फिच रेटिंग्स ने 06 दिसंबर 2018 को भारत के वर्तमान वित्त वर्ष 2018-19 के लिए भारत की सकल घरेलु उत्पादन दर के अनुमान को 7.8% घटाकर 7.2% कर दिया है. फिच ने ज्यादा लागत और ऋण उपलब्धता में कमी के चलते अनुमान घटाया है.

 

2020-21 में 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमान:

फिच ने जारी वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में कहा कि वर्ष 2019-20 और वर्ष 2020-21 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर क्रमश: 7 प्रतिशत और 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है. फिच रेटिंग्स ने जून में 2019-20 के लिए 7.5% ग्रोथ का अनुमान जारी किया था. एजेंसी ने वर्ष 2019 के अंत तक रुपये के 75 प्रति डॉलर का स्तर छूने की आशंका जताई है. इस समय रुपया 71 रुपये प्रति डालर के आसपास चल रहा है.

 

बैंकिंग क्षेत्र अभी भी NPA:

फिच ने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र अभी भी एनपीए (NPA) के उच्च स्तर से जूझ रहा है, जबकि नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस IL&FS के डिफॉल्ट्स के बाद लिक्विडिटी की कमी की समस्या झेल रहे हैं.

 

दूसरी तिमाही में भारत की जीडीपी ​ग्रोथ:

मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में भारत की जीडीपी ​ग्रोथ रेट गिरकर 7.1 फीसदी रही. जबकि पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में यह 8.2 फीसदी थी. वहीं, रिजर्व बैंक ने 05 दिसंबर 2018 को पेश द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में चालू वित्त वर्ष के लिये आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 7.4 प्रतिशत पर पूर्ववत रखा है.

 

ग्लोबल इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट:

फिच रेटिंग्स ने अपनी ग्लोबल इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट में वित्तीय स्थिति के तंग होने, तेल आयात बिल बढ़ने और बैंकों के कमजोर बैलेंसशीट को भारत के लिए बड़ी चुनौतियां माना है.

 

फिच रेटिंग्स के बारे में:

फिच रेटिंग्स विश्व की तीन सबसे बड़ी रेटिंग एजेंसियों में से एक है.  इसके अतिरिक्त अन्य दो प्रमुख एजेंसियां मूड़ीज़ और स्टैण्डर्ड एंड पूअर्स हैं. इसका मुख्यालय अमेरिका के न्यूयॉर्क में स्थित है.

इसका पूर्व स्वामित्व हेअर्स्ट कारपोरेशन के पास है. क्रेडिट रेटिंग एजेंसी एक किस्म की कंपनी होती है जो क्रेडिट रेटिंग प्रदान करती है. यह ऋणी द्वारा समय पर ऋण के भुगतान अथवा डिफ़ॉल्ट की सम्भावना की योग्यता का अनुमान लगाती है.

सिक्योरिटी व एक्सचेंज कमीशन ने वर्ष 2003 में कांग्रेस को एक रिपोर्ट जमा की जिसमे क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों की प्रतिस्पर्धा विरोधी कार्य प्रणाली और ब्याज संबंधी विवादों से युक्त मुद्दों के लिए एक जांच बैठाने की योजना के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया था. क्रेडिट रेटिंग का प्रयोग निवेशकों, ऋण निर्गमित करने वाली संस्थाओं, निवेश बैंक, दलालों-व्यापारियों और सरकार द्वारा किया जाता है.

 

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Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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