केंद्र सरकार ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था लागू हो जाने के बाद खाद्यान्न, आटा, दूध, सब्जियां और फल पांच फीसदी सस्ते हो जाएंगे. सरकार ने अनाजों, दालों, आटा, मैदा और बेसन को जीएसटी के दायरे से दूर रखा है.
जीएसटी 1 जुलाई 2017 से लागू होने जा रहा है. दूध, सब्जियां, फल, पके चावल, नमक, जैविक खाद, पशु चारे, जलावन, कच्चे रेशम, उन, हाथ से चालित औजार भी नयी परोक्ष कर व्यवस्था में शून्य दर लगेगी.
वित्त मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, इन जींसों पर कोई जीएसटी कर नहीं लगने से उनमें से ज्यादातर चीजें अपने वर्तमान दामों की तुलना में करीब चार-पांच फीसदी सस्ती हो जाने की संभावना है. हालांकि ब्रांड वाले खाद्यान्नों एवं पंजीकृत ट्रेडमार्क वाले आटे पर जीएसटी के तहत 5 फीसदी टैक्स लगेगा.
गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स यानी जीएसटी 1 जुलाई 2017 से लागू होने बाद रेल सेवाएं महंगी हो जाएंगी, यानी रेल यात्रा करना पहले की तुलना में महंगा हो जाएगा. ट्रेन और स्टेशनों पर खाना-पीना भी जीएसटी के कारण महंगा होगा.
यह बढ़ोतरी 0.5 प्रतिशत होगी. हालांकि स्लीपर, अनारक्षित और लोकल यात्रियों को इससे बाहर रखा गया है. लेकिन एसी फर्स्ट टायर, सेंकड टायर और थ्री टायर के साथ एसी चेयर कार में सफर करने वाले यात्रियों को जीएसटी भरना होगा.
जीएसटी क्या है?
जीएसटी, भारत के कर ढांचें में सुधार का एक बहुत बड़ा कदम है. वस्तु एंव सेवा कर एक अप्रत्यक्ष कर कानून है है. जीएसटी एक एकीकृत कर है जो वस्तुओं और सेवाओं दोनों पर लगेगा. जीएसटी लागू होने से पूरा देश,एकीकृत बाजार में तब्दील हो जाएगा और ज्यादातर अप्रत्यक्ष कर जैसे केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सेवा कर, वैट, मनोरंजन, विलासिता, लॉटरी टैक्स आदि जीएसटी में समाहित हो जाएंगे. इससे पूरे भारत में एक ही प्रकार का अप्रत्यक्ष कर लगेगा.
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