23 जनवरी 2015 को थाइलैंड की भूतपूर्व प्रमुख यिंगलक शिनावात्रा पर सेना समर्थित संसद ने महाभियोग लगाया. महाभियोग की वजह से यिंगलक शिनावात्रा पर पांच वर्षों के लिए राजनीतिक प्रतिबंध लगा दिया गया.
थाइलैंड के इतिहास में संसद द्वारा महाभियोग लगाए जाने वाली यिंगलुक पहली प्रधानमंत्री हैं. यह महाभियोग चावल वचन योजना (राइस प्लीडिंग स्कीम) में भ्रष्टाचार को रोकने में नाकाम रहने पर लगे आरोप का नतीजा था.
महाभियोग के लिए प्रस्ताव राष्ट्रीय विधानसभा (नेशनल लेजिस्लेटिव असेंबली) में शुरु किया गया था. गुप्त मतदान में 219 में से 190 सदस्यों ने यिंगलुक शिनावात्रा पर महाभियोग लगाए जाने के पक्ष में वोट डाला. 18 सदस्यों ने महाभियोग के विरोध में मतदान किया। 8 उपस्थित नहीं थे और 3 मत रद्द कर दिए गए.
यिंगलुक पर उनकी सरकार के चावल वचन योजना में लापरवाही का आरोप लगाया गया था. थाइलैंड के राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी एजेंसी के मुताबिक इस कुप्रबंधन और भ्रष्टाचार की वजह से देश को 500 बिलियन बाट का नुकसान उठाना पड़ा है.
चावल वचन कार्यक्रम
चावल वचन कार्यक्रम के तहत, थाई सरकार ने किसानों से बाजार मूल्य से अधिक कीमत पर चावल खरीदे लेकिन फिर उस चावल को उसे अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेचने, उनके भंडारण में बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ा और परिणामस्वरूप बहुत बड़ा वित्तीय घाटा थाई सरकार को हुआ. यिंगलुक प्रशासन का यह प्रमुख कार्यक्रम है.
यिंगलुक और उनकी सरकार को दिए गए कानूनी दंड की श्रृंखला में यह महाभियोग नवीनतम दंड है. मई 2014 में कॉन्स्टिट्यूशनल कोर्ट ने 2011 में राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी के प्रमुख के स्थानांतरण के लिए सत्ता के दुरुपयोग करने के कारण उनको अपदस्थ कर दिया था.
महाभियोग की प्रक्रिया
संविधान संसद के एक चौथाई सदस्यों के मत के जरिए या 50000 याचिकाकर्ताओं के अनुमोदन के साथ व्यक्तिगत न्यायमूर्ति को महाभियोग का विषय बनाने की अनुमति देता है. महाभियोग लगाने के लिए सीनेट का 3/5 मत जरूरी है. इससे पहले महाभियोग के लिए मतदान हेतु सदन और सीनेट दोनों ही के सिर्फ 10% मतों की जरूरत होती थी. किसी पदाधिकारी को बर्खास्त करने के लिए दोनों सदनों का 3/5 मत जरूरी होता था.
यिंगलुक शिनावात्रा के बारे में
यिंगलुक शिनावात्रा थाइलैंड की एक व्यवसायी और राजनीतिज्ञ हैं. वे फ्यू थाई पार्टी की सदस्य हैं और 2011 में हुए आम चुनावों के बाद वे थाइलैंड की 28वीं प्रधानमंत्री बनी थीं.
यिंगलुक थाइलैंड की पहली महिला प्रधानमंत्री और सबसे युवा प्रधानमंत्री थीं.
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