Year Ender India 2021: यह 2021 का साल खत्म होने को है. यह भारत के लिए काफी अहम रहा है. हमारा देश 2021 में कई उतार-चढ़ाव से गुजरा. जैसे-जैसे वर्ष आगे बढ़ा, हमने कई महत्वपूर्ण लोगों को भी खो दिया. कोरोना की लहर के चलते और उसके बाद भी चर्चित हस्तियों के निधन की खबरें आती रहीं और सबसे बड़ा झटका साल के आखिरी महीने में देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत के निधन के रूप में लगा. इस हादसे से पूरे देश में शोक की लहर छा गई. आइये एक नजर डालते हैं उन फेमस लोगों के नाम पर, जिन्हें इस साल हमने खो दिया.
सीडीएस बिपिन रावत: आपको बता दें कि 8 दिसंबर को तमिलनाडु के कुन्नूर में सीडीएस बिपिन रावत का हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ था. इस हादसे में बिपिन रावत, उनकी पत्नी समेत 13 लोगों का निधन हो गया था. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में हादसे की जानकारी देते हुए बताया था कि 08 दिसंबर 2021 को दोपहर में भारतीय वायुसेना का हेलिकॉप्टर जिसमें सीडीएस बिपिन रावत मौजूद थे, वह क्रैश हो गया. जनरल बिपिन रावत को वेलिंग्टन में डिफेंस सर्विस स्टाफ कॉलेज जाना था. एयरफोर्स के एमआई 17 हेलिकॉप्टर ने सुलूर एयरबेस से 11.48 पर उड़ान भरी. इसे वेलिंग्टन में 12:15 बजे लैंड करना था. लेकिन 12.08 पर यह क्रैश हो गया.
ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह: तमिलनाडु के कुन्नूर के पास हुए हेलीकॉप्टर क्रैश में घायल हुए ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह (Group Captain Varun Singh) का 15 दिसंबर 2021 निधन हो गया था. उनका इलाज बेंगलुरु के कमान अस्पताल में चल रहा था. बता दें कि वरुण सिंह को बेहतर इलाज के लिए तमिलनाडु के वेलिंग्टन से बेंगलुरु के कमान अस्पताल में शिफ्ट किया गया था और उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी.
रोहित सरदाना: एंकर, संपादक और मीडिया हस्ती रोहित सरदाना टीवी चैनल आज तक के पत्रकार थे. उन्हें ज़ी न्यूज़ के एक वाद-विवाद कार्यक्रम 'ताल ठोक के' की मेजबानी के लिए भी जाना जाता था. गत 30 अप्रैल को COVID-19 के बाद दिल का दौरा पड़ने से उनकी मृत्यु हो गई.
दिलीप कुमार: हिंदी फिल्म उद्योग में सबसे सफल फिल्म सितारों में से एक दिलीप कुमार को सिनेमा में अभिनय का एक अलग रूप लाने का श्रेय दिया जाता है. सांस फूलने की शिकायत के बाद उन्हें पहले भी कई बार अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका था. बॉलीवुड के ट्रेजेडी किंग के रूप में लोकप्रिय दिलीप कुमार ने देवदास और मुगल-ए-आजम जैसी हिंदी सिनेमा की कुछ सबसे प्रसिद्ध फिल्में दीं. लंबी बीमारी के बाद 7 जुलाई 2021 को उनका निधन हो गया.
सिद्धार्थ शुक्ला: 'बालिका वधू', 'ब्रोकन बट ब्यूटीफुल 3' और 'दिल से दिल तक' में अपनी भूमिकाओं के लिए जाने जाने वाले सिद्धार्थ शुक्ला एक अभिनेता, होस्ट और मॉडल थे. 2 सितंबर को दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया.
पुनीत राजकुमार: कन्नड़ सिनेमा में एक प्रमुख नाम, राजकुमार एक अभिनेता, पार्श्व गायक, टेलीविजन प्रस्तुतकर्ता और निर्माता थे. पुनीत राजकुमार ने अपने करियर की शुरुआत बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट की थी. साल 1985 में यह फिल्म 'बेट्टाड़ा होवू' में नजर आए थे. 29 अक्टूबर 2021 को 46 वर्ष की आयु में कार्डियक अरेस्ट से उनका निधन हो गया.
मिल्खा सिंह: फ्लाइंग सिख के नाम से भी जाने जाने वाले सिंह एक भारतीय ट्रैक और फील्ड स्प्रिंटर थे. वह एशियाई खेलों के साथ-साथ राष्ट्रमंडल खेलों में 400 मीटर में स्वर्ण जीतने वाले एकमात्र एथलीट हैं. 1958 के टोक्यो एशियाई खेलों में मिल्खा सिंह ने 200 मीटर और 400 मीटर की दौड़ में गोल्ड मेडल हासिल किया था. सिंह की 18 जून को COVID-19 से मृत्यु हो गई.
सुरेखा सीकरी: एक हिंदी रंगमंच के दिग्गज, सीकरी तीन राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और एक फिल्मफेयर पुरस्कार सहित कई पुरस्कारों के प्राप्तकर्ता थे. सुरेखा सीकरी आख़िरी बार 2020 में नेटफ्लिक्स पर आयी एंथोलॉजी फ़िल्म घोस्ट स्टोरीज़ की एक कहानी में नज़र आयी थीं. उन्होंने एक बीमार महिला का किरदार निभाया था, जिसकी सेवा में जाह्नवी का किरदार जुटा होता है. 16 जुलाई को कार्डियक अरेस्ट से उनकी मौत हो गई.
सैयद अली शाह गिलानी: कश्मीर में उग्रवाद के जनक के रूप में माने जाने वाले गिलानी जम्मू-कश्मीर में एक इस्लामवादी, पाकिस्तान समर्थक अलगाववादी नेता थे. सैयद अली शाह गिलानी कश्मीर के अलगाववादी संगठनों के समूह हुर्रियत कांफ्रेंस के संस्थापकों में शामिल थे. अब ये दल निष्क्रिय है. गिलानी 15 सालों तक पूर्व जम्मू कश्मीर राज्य की 87 सदस्यों वाली विधानसभा के सदस्य रहे थे. 01 सितंबर 2021 को उनकी मृत्यु हो गई.
स्टेन स्वामी: फादर स्टेन स्वामी झारखंड में स्थित एक जेसुइट पुजारी और आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता थे, जिन्होंने भूमि, जंगल और श्रम अधिकारों पर आदिवासी समुदायों के विभिन्न मुद्दों पर काम किया. 84 साल के स्टैन स्वामी भीमा कोरेगाँव मामले में न्यायिक हिरासत में थे. उन पर हिंसा भड़काने का मामला चल रहा था. स्वामी का लंबी बीमारी के कारण 05 जुलाई 2021 को निधन हो गया.
सुंदरलाल बहुगुणा: विश्व स्तर पर प्रसिद्ध पर्यावरणविद् और चिपको आंदोलन के नेता, बहुगुणा ने जीवन भर हिमालय में वनों के संरक्षण के लिए संघर्ष किया. मशहूर पर्यावरणविद सुंदर लाल बहुगुणा का कोरोना के कारण निधन हो गया. वह कोरोना पॉजिटिव थे और उनका इलाज ऋषिकेश एम्स में किया जा रहा था. सुंदरलाल बहुगुणा का जन्म उत्तराखंड के टिहरी के पास एक गांव में 9 जनवरी 1927 को हुआ था. 21 मई को COVID-19 के कारण उनका निधन हो गया.
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