Semiconductor Manufacturing in India: केंद्र सरकार ने 15 दिसंबर 2021 को प्रोडक्शन लिंक्ड इनिशिएटिव (PLI) स्कीम के लिए 76,000 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दी है. इसके तहत अब देश में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले बोर्ड का निर्माण किया जाएगा.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सेमीकंडक्टर चिप्स का डिजाइन, फैब्रिकेशन और पैकेजिंग के लिए पूरा इको-सिस्टम देश में स्थापित होगा. वहीं, केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि इस योजना में अगले पांच से छह वर्षों में सेमीकंडक्टर उत्पादन में 76,000 करोड़ रुपये के निवेश की परिकल्पना की गई है.
इस योजना से रोजगार भी बढ़ेगा
आपको बता दें कि महत्वाकांक्षी परियोजना का नाम प्रोग्राम फॉर डेवलपमेंट ऑफ सेमीकंडक्टर्स एंड डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग इको-सिस्टम रखा गया है. केंद्र सरकार का कहना है कि इस स्कीम से भारत दुनिया का बड़ा मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग देश बन जाएगा. इससे तकनीक के क्षेत्र को बहुत फायदा होगा और रोजगार भी बढ़ेगा.
पीएलआई योजना: एक नजर में
सरकार के मुताबिक, पीएलआई योजना, भारतीय निर्माताओं को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगी, मुख्य योग्यता और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में निवेश को आकर्षित करेगी, निर्यात में वृद्धि करेगी और भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को इसका एक अभिन्न अंग बनाएगी.
ये कंपनियां अपनी क्षमता को बढ़ा रही हैं
यह घोषणा ऐसे समय में हुई, जब इलेक्ट्रॉनिक चिप की दुनिया भर में कमी है और कई सेमीकंडक्टर कंपनियां अपनी क्षमता को बढ़ा रही हैं. इस फैसले से माइक्रोचिप के डिजाइन, विनिर्माण, पैकिंग और परीक्षण में मदद मिलेगी तथा एक संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र विकसित होगा.
आत्मनिर्भर भारत की सोच को मजबूती मिलेगी
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट बैठक के बाद कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना व प्रोद्योगिकी मंत्रालय के तहत निर्णय लिया गया है, जो आत्मनिर्भर भारत की सोच को और मजबूत करता है. इस दिशा में भारत में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्यूफैक्चर के संपूर्ण इकोसिस्टम को स्थापित करने की एक महत्वकांक्षी योजना को अनुमोदित किया गया है. इस योजना के तहत 6 साल में 76 हजार करोड़ रुपये का खर्च किया जाएगा. इससे आत्मनिर्भर भारत की सोच को मजबूती मिलेगी.
कोरोना महामारी के परिणामस्वरूप आपूर्ति बाधित
यह योजना ऐसे समय में आई है जब दुनिया अर्धचालकों की गंभीर कमी देख रही है, जो स्मार्टफोन से लेकर ऑटोमोबाइल तक सभी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में एक प्रमुख घटक है. कोविड-19 (COVID-19) महामारी के परिणामस्वरूप आपूर्ति बाधित हो गई है, जिसने उत्पादन केंद्रों को रुक-रुक कर बंद करने के लिए मजबूर किया.
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