केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग और नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु ने 03 अप्रैल 2018 को निर्यात में सुगमता के लिए नई दिल्ली में निर्यात निरीक्षण परिषद (ईआईसी) की डिजिटल पहल का शुभारंभ किया.
यह उम्मीद है कि इन डिजिटल पहल की बदौलत कृषि एवं खाद्य पदार्थों के निर्यात क्षेत्र में भारत की क्षमता काफी बढ़ जाएगी.
ईआईसी भारत सरकार का आधिकारिक निर्यात प्रमाणन निकाय है और इसने विश्व के बदलते आयामों के अनुरूप डिजिटल इंडिया पहल की इस प्रमुख परियोजना का शुभारंभ किया है.
डिजिटल पहल से संबंधित मुख्य तथ्य:
- विश्वसनीय निरीक्षण एवं प्रमाणन के विजन को जारी रखने के साथ-साथ भारतीय उपज के प्रति विश्वास को और ज्यादा मजबूत करने के उद्देश्य से तीन पोर्टल विकसित किए गए हैं, ताकि पारदर्शी ढंग से लेन-देन में लगने वाला समय और लागत कम हो सके.
- पोर्टल न केवल निर्यात में सुगमता का अवसर मुहैया कराते हैं, बल्कि कागज के उपयोग में कमी के साथ-साथ करोड़ों वृक्षों को कटने से बचाते हुए ‘हरियाली को अपनाओ’ पहल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
- सभी क्षेत्रों में होने वाले कारोबार में सुगमता के लिए त्वरित, दक्ष एवं पारदर्शी सेवाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से संपूर्ण निर्यात खाद्य पदार्थ श्रृंखला को इस डिजिटल प्लेटफॉर्म में एकीकृत किया गया है. प्राथमिक उत्पादन, चेन कैच, एक्वाकल्चर पौंड, डेयरी फॉर्म और मधुमक्खी पालन गृह आपस में जुड़े हुए हैं.
- एक प्रयोगशाला, एक आकलन पोर्टल समस्त हितधारकों जैसे कि प्रत्यायन निकायों, नियामकों और प्रयोगशालाओं को एक साझा प्लेटफॉर्म पर एकजुट करके एकीकृत दृष्टिकोण सुलभ कराता है.
- निर्यात अलर्ट निगरानी पोर्टल उन गैर-अनुपालन पर करीबी नजर रखता है, जिसके बारे में आयातक देशों द्वारा सूचित किया जाता है. इस पोर्टल के जरिए अलर्ट के साथ-साथ खाद्य सुरक्षा एवं जैव सुरक्षा में आरंभिक प्रमाणन से जुड़े एकाधिक संगठनों द्वारा उठाए जाने वाले कदमों की निगरानी भी की जा सकती है.
निर्यात निरीक्षण परिषद (ईआईसी):
भारत सरकार द्वारा निर्यात (गुणता नियंत्रण और निरीक्षण) अधिनियम, 1963 (1963 का 22) की धारा 3 के तहत भारतीय निर्यात निरीक्षण परिषद (निनिप) की स्थापना की गई थी.
ईआईसी ने प्रशासनिक मामलों पर सलाह देने के लिए प्रशासनिक समिति और तकनीकी मामलों पर सलाह देने के लिए एक तकनीकी समिति का गठन किया है.
ईआईसी ने विदेशी प्रवीणता परीक्षण प्रदाताओं पर निर्भरता कम करके और पहुंच में सुगमता सुनिश्चित करके मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में मान्यता प्राप्त प्रवीणता परीक्षण (पीटी) प्रदाताओं को उपलब्ध कराकर देश के लिए विश्लेषणात्मक क्षमता बढ़ाने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया है.
स्रोत: (पीआईबी)
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