केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने 21 जुलाई 2018 को हरियाणा के गुरुग्राम में विद्यार्थियों को बुनियादी कानून और पुलिस की कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी देने के लिए स्टूडेंट पुलिस कैडेट (एसपीसी) नामक एक नया कार्यक्रम शुरू किया है.
इस कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, केन्द्रीय गृहराज्य मंत्री हंसराज अहीर, गुरुग्राम से सांसद एवं केन्द्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी मौजूद रहे.
उद्देश्य: |
इस कार्यक्रम का मकसद स्कूल और बाहर कक्षाओं के जरिए छात्रों को मूल्यों और नैतिकता की सीख देकर पुलिस और स्कूली छात्रों के बीच सेतु बनाना है. |
मुख्य तथ्य:
- एसपीसी कार्यक्रम आठवीं और नौवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए चलाया जाएगा, जिसमें उन्हें मानवता और सामाजिक गतिविधियों के साथ जोड़कर समाज के लिए उपयोगी नागरिक बनने का प्रशिक्षण दिया जाएगा.
- इस कार्यक्रम तहत नौवीं क्लास पास करने पर एसपीसी के विद्यार्थियों के कैंप लगवाए जाएंगे, जिनमें यह देखा जाएगा कि एसपीसी के प्रशिक्षण में उन्होंने कितना सीखा है.
- स्टूडेंट पुलिस कैडेट कार्यक्रम के तहत बच्चों में न केवल संस्कार डाला जाएगा, बल्कि उन्हें ईमानदारी, मेहनत और लगन की सीख देते हुए उनके लिए आदर्श भारतीय नागरिक बनने की राह तैयार की जाएगी.
- इस दौरान गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने एसपीसी कैडेटों के लिए एक विशेष यूनिफार्म, एसपीसी का एक अलग लोगो (प्रतीक चिह्न) और झंडा भी लांच किया.
- शिक्षक कम्युनिटी पुलिस ऑफिसर्स (सीपीओ) और अपर सीपीओ के रूप में काम करेंगे. उन्हें पुलिस की ओर से प्रशिक्षित किया जाएगा. इसके लिए एक वार्षिक गतिविधि कैलेंडर बनाया जाएगा.
- कैडेटों के प्रशिक्षण का मूल्यांकन करने के बाद उन्हें प्रमाणपत्र दिए जाएंगे.
- इस कार्यक्रम के लिए कोई पाठ्यपुस्तक या किसी परीक्षा का प्रावधान नहीं है. एक महीने में केवल एक पीरियड का प्रस्ताव रखा गया है.
कार्यक्रम में मुख्यतः दो विषय:
कार्यक्रम में मुख्यतः दो विषय वस्तुओं को शामिल किया गया है – अपराध की रोकथाम और नियंत्रण तथा मूल्य और नैतिकता.
अपराध की रोकथाम और नियंत्रण: इस भाग के तहत शामिल विषयों में सामुदायिक पुलिस, सड़क सुरक्षा, सामाजिक बुराइयों के खिलाफ लड़ाई, महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा, भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई और आपदा प्रबंधन होगा.
मूल्य और नैतिकता: इस भाग के तहत शामिल विषयों में मूल्य और नैतिकता, बुजुर्गों का आदर, सहानुभूति और सहनशीलता, धैर्य, टीम भावना और अनुशासन शामिल है.
- एनसीईआरटी के सहयोग से बीपीआरएंडडी ने एक मार्गदर्शक पुस्तिका तैयार की है.
- क्षेत्र आधारित कार्य तथा महिला पुलिस स्टेशन, बाल सुरक्षा गृह, ट्रैफिक पुलिस, फायरब्रिगेड स्टेशन जाकर कार्यशैली सीखने पर विशेष बल दिया गया है.
67 करोड़ रुपये की धनराशि:
इस कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए राज्यों को 67 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की गई है. शैक्षणिक सहायता, प्रशिक्षण और आकस्मिक खर्च के लिए प्रत्येक स्कूल को 50 हजार रुपये की धनराशि दी जाएगी.
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