केंद्र सरकार ने इसरो को 40 उपग्रह प्रक्षेपण यान विकसित करने हेतु 10,900 करोड़ रुपये आवंटित किये

Jan 7, 2019, 17:29 IST

इसरो के अध्यक्ष डॉ. के. सिवन द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने अगले चार वर्ष के दौरान 40 उपग्रह प्रक्षेपण यान विकसित करने के लिए दस हजार नौ सौ करोड़ रुपये आवंटित किए हैं.

Govt allocates Rs 10900 cr to ISRO for development of 40 satellite launch vehicles
Govt allocates Rs 10900 cr to ISRO for development of 40 satellite launch vehicles

केंद्र सरकार ने हाल ही में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को अन्तरिक्ष क्षेत्र में विभिन्न लक्ष्यों को हासिल करने के लिए 10,900 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं.

इसरो के अध्यक्ष डॉ. के. सिवन द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने अगले चार वर्ष के दौरान चालीस उपग्रह प्रक्षेपण यान विकसित करने के लिए दस हजार नौ सौ करोड़ रुपये आवंटित किए हैं.

तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में डॉ. के. सिवन ने कहा कि चंद्रयान तीन महीने के भीतर प्रक्षेपित कर दिया जाएगा. यह चंद्रमा के एक ऐसे हिस्सेे पर उतरेगा जो अब तक अनजान है. उन्होंने कहा कि भारत के मानवयुक्त गगनयान को स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर 2022 तक भेजने की योजना है.

वर्ष 2018 में इसरो की प्रमुख उपलब्धियां


•    10 जनवरी 2018 को प्रख्यात वैज्ञानिक के. सिवन द्वारा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की कमान संभालने के साथ भारत ने 12 जनवरी को ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी-सी 40) के जरिए 28 विदेशी उपग्रहों के साथ 31 उपग्रहों का प्रक्षेपण और उन्हें सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित किया.

•    इसरो द्वारा अप्रैल 2018 को भारत के महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-2 की घोषणा की गई.

•    इसरो ने जून 2018 में वाहन उद्योग में उपयोग के लिए भारतीय उद्योग को गैर-विशिष्ट आधार पर अपनी लिथियम आयन सेल प्रौद्योगिकी को एक करोड़ रुपये में स्थानांतरित करने के अपने फैसले की घोषणा की थी.

•    नवंबर 2018 में देश के सबसे भारी प्रक्षेपण यान जियोसिनक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हिकल-मार्क-3 (जीएसएलवी-एमके-3) ने जीसैट-29 उपग्रह के साथ उड़ान भरी.

•    वायुसेना के लिए सैन्य संचार उपग्रह जीसैट-7ए का प्रक्षेपण किया गया. यह प्रक्षेपण दिसंबर 2018 को किया गया.

चंद्रयान-2 के बारे में जानकारी

चंद्रयान-2 भारत का चंद्रयान -1 के बाद दूसरा चंद्र अन्वेषण अभियान है जिसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसन्धान संगठन (इसरो) ने विकसित किया है. अभियान को जीएसएलवी मार्क-3 प्रक्षेपण यान द्वारा प्रक्षेपित करने की योजना है. इस अभियान में भारत में निर्मित एक लूनर ऑर्बिटर (चन्द्र यान) तथा एक रोवर एवं एक लैंडर शामिल होंगे. चंद्रयान-2 में भेजे जाने वाला ऑर्बिटर 100 किलोमीटर की ऊंचाई पर चन्द्रमा की परिक्रमा करेगा. इस अभियान में ऑर्बिटर को पांच पेलोड के साथ भेजे जाने का निर्णय लिया गया है. तीन पेलोड नए हैं, जबकि दो अन्य चंद्रयान-1 ऑर्बिटर पर भेजे जाने वाले पेलोड के उन्नत संस्करण हैं. चंद्रयान-2 को जल्द ही लॉन्च किया जा सकता है.

Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
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