केन्द्र सरकार ने 29 जुलाई 2016 को ग्रामीण क्षेत्रों में विकास योजनाओं में तेजी लाने हेतु पहले से गठित जिला निगरानी समिति के स्थान पर जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) का गठन किया है.
दिशा के बारे में -
- दिशा का गठन प्रभावी विकास समन्वय के लिए किया गया है.
- जिला स्तर पर क्षेत्र के सांसद की अध्यक्षता में गठित ‘दिशा’ की सदस्यता जिला निगरानी समिति की तरह ही रहेगी.
- जिला निगरानी समिति को महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना, दीनदयाल अंत्योदय आजीविका मिशन, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, स्किल इंडिया, स्वच्छ भारत मिशन, डिजिटल इंडिया सहित कुल 28 योजनाओं का विकास समन्वय एवं निगरानी का दायित्व दिशा को सौंपा गया है.
- केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के अनुसार इस समिति के पास समन्वय एवं निगरानी शक्तियां होंगी.
दिशा की कार्य विधि-
- इसमें सभी स्तर के जन-प्रतिनिधियों की भागीदारी सुनिश्चित करने और देश की महत्वाकांक्षी योजनाओं को सफल बनाने का प्रयास किया जाएगा.
- समिति के पास केन्द्र सरकार के लगभग सभी विकास कार्यक्रमों के सदुपयोग हेतु क्रियान्वयन व मार्गदर्शन का अधिकार होगा.
- समिति की बैठक फरवरी, अप्रैल, जुलाई तथा अक्टूबर माह के तीसरे शनिवार को पूर्व से निर्धारित है
- ‘दिशा’ की पहली बैठक 13 अगस्त 2016 को आयोजित करने का निर्देश दिया गया है.
- समिति की बैठक को हर तिमाही में एक बार करना अनिवार्य है.
समिति के उत्तरदायित्व-
- इस समिति का कार्य अनुमोदित परियोजनाओं को समय से पूरा करने के लिए इसमें आने वाली बाधाओं को दूर करना है.
- इस समिति के पास विचार-विमर्श के दौरान उठाए गए मुद्दों पर प्रभावी अनुवर्ती कार्रवाई करने की शक्तियां होंगी
- जिला कलेक्टर सदस्य सचिव होंगे, जिसका दायित्व सिफारिशों पर कार्रवाई करने का होगा.
पृष्ठभूमि-
जिला निगरानी समिति का कार्य क्षेत्र ग्रामीण विकास कार्यों तक सीमित था एवं इसकी प्रभावी निगरानी एवं समयबद्ध बैठकों के आयोजन में समय-समय पर शिकायतें भी प्राप्त होती रहती थीं
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