केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने 14 मई 2018 को हरित कौशल विकास कार्यक्रम (GSDP) आरंभ किया. इस कार्यक्रम का उद्देश्य पर्यावरण के संरक्षण के लिए कुशल कार्यबल की बढ़ती मांग को पूरा करना है.
इस कार्यक्रम के तहत अगले तीन वर्षों में साढ़े पांच लाख से अधिक युवकों को पर्यावरण से जुड़े कार्यों में प्रशिक्षित करके उनका कौशल विकास किया जाएगा. इस दौरान 30 प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आरंभ किये जायेंगे तथा वर्ष 2021 तक प्रशिक्षित युवाओं को पर्यावरण संरक्षण हेतु तैयार किया जायेगा. इस अवसर पर GSDP-ENVIS नामक मोबाइल एप्लीकेशन भी लॉन्च किया गया जिससे इच्छुक आवेदक कार्यक्रम की अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
हरित कौशल विकास कार्यक्रम (GSDP)
• इस कार्यक्रम का उद्देश्य देश में युवाओं के भीतर पर्यावरण से सम्बंधित रोजगार और उद्यमिका पैदा करना है.
• इसके तहत सरकार अगले एक साल के भीतर देश के करीब 80 संस्था्नों में 80,000 युवओं को प्रशिक्षण देगी.
• अगले साल इनकी संख्या 2 लाख हो जाएगी और 2021 तक करीब 5.5 लाख युवा ग्रीन स्किल्डे वर्कर के तौर पर ट्रेनिंग ले चुके होंगे.
प्रशिक्षण प्रक्रिया |
पर्यावरण सूचना प्रणाली (ENVIS) हब्स और रिसोर्स पार्टनर्स के साथ देश भर के संस्थानों की मदद से लगभग 30 पाठ्यक्रमों के माध्यम से युवाओं को पर्यावरण और वनीय क्षेत्र में प्रशिक्षित करेगा. यह सर्टिफिकेट कोर्स 80 से 560 घंटे के बीच के होंगे. पाठ्यक्रम से जुड़ी अधिक जानकारी मोबाइल एप्प के जरिए हासिल की जा सकेगी. इनमें से अधिकतर पाठ्यक्रम 10वीं अथवा 12वीं ड्रापआउट्स के लिए तैयार किए गए हैं. इनमें से रिवर डॉल्फिन कन्जर्वेशन, वॉटर बजटिंग एंड ऑडिटिंग, फॉरेस्ट फायर मैजेनमेंट, मैनेजमेंट फॉर स्मॉल बोटेनिकल गार्डेन, प्रोग्रेशन एंड मैनेजमेंट ऑफ बैम्बूज, बर्ल्ड आइडेंटिफिकेशन और सिटी एन्वायरमेंट सर्वेयर्स जैसे पाठ्यक्रम शामिल हैं. |
पृष्ठभूमि
हरित कौशल विकास कार्यक्रम (GSDP) को पहले पायलट प्रोजेक्ट के तहत 2017 में देश के 10 जिलों में लॉन्च किया गया था. इसके तहत 154 युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया था. इनमें अधिकतर स्कूल ड्राप-आउट युवा शामिल थे. इन्हें पैराटैक्सोनॉमिस्ट्स और बॉयोडावर्सिटी कंजर्वेशनिस्ट के तौर पर प्रशिक्षित किया गया. पायलट प्रोजेक्ट की सफलता को देखते हुए सरकार ने GSPD को पूर्ण रूप से आरंभ करने का निर्णय लिया.
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