Electric vehicle Fires in India: नीति आयोग ने 21 अप्रैल 2022 को बैटरी-स्वैपिंग पॉलिसी का ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया है. आयोग ने इंसेंटिव के साथ-साथ स्वैपेबल बैटरी हेतु एक कड़े टेस्टिंग प्रोटोकॉल का सुझाव दिया है.
ये मसौदा नीति ऐसे वक्त में आई है जब आए दिन इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने की घटनाएं आ रही हैं तथा इसको लेकर लोग चिंतित हैं. इसके अंतर्गत पहले चरण में बैटरी स्वैपिंग नेटवर्क के विकास को लेकर 40 लाख से अधिक आबादी वाले सभी महानगरों को प्राथमिकता दी जाएगी.
With an aim to promote #EV adoption in the country, #NITIAayog has prepared the Draft Battery Swapping Policy. It takes cognizance of all the inputs provided by relevant stakeholders.
— NITI Aayog (@NITIAayog) April 21, 2022
Policy Draft: https://t.co/kDOfzubSzN
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दूसरे चरण में किसे कवर किया जायेगा?
दूसरे चरण में उन शहरों को कवर किया जाएगा जो राज्यों की राजधानी एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यालय और 5 लाख से अधिक आबादी वाले शहर हैं. ड्रॉफ्ट पॉलिटी के अनुसार स्वैपेबल बैटरी वाले वाहनों को बिना बैटरी के बेचा जाएगा. इससे ग्राहको को ईवी खरीदने में कम पैसे लगेंगे.
बैटरी स्वैपिंग स्टेशन: एक नजर में
मसौदा नीति के मुताबिक, बैटरी स्वैपिंग स्टेशनों के लिए फ्लोट बैटरी जरूरतों के हिसाब से बैटरी प्रोवाइडर्स को आवंटित सब्सिडी हेतु एक उपयुक्त मल्टीप्लायर लागू किया जा सकता है. मसौदा नीति में कहा गया है कि, यह भी प्रस्ताव दिया जा रहा है कि सब्सिडी को बांटने हेतु एक निर्बाध तंत्र संबंधित मंत्रालय या विभाग द्वारा तैयार किया जाएगा.
बैटरी प्रबंधन प्रणाली
बैटरी की बैटरी प्रबंधन प्रणाली (बीएमएस) स्व-प्रमाणित होनी चाहिए तथा परीक्षण के लिए खुली होनी चाहिए ताकि विभिन्न प्रणालियों के साथ इसकी संगतता एवं सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने की क्षमता की जांच की जा सके.
वाहनों की बिक्री की राह खोलेगी
यह नीति देश में बिना बैट्री वाले इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री की राह खोलेगी. बता दें लोग अब बैट्री स्वैपिंग के अंतर्गत अपने दोपहिया-तिपहिया वाहनों के लिए बैट्री ले सकेंगे. इस लिहाज से यह देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने में क्रांतिकारी कदम साबित हो सकता है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्या कहा?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2022-23 में बैट्री स्वैपिंग नीति की घोषणा की थी. नीति आयोग ने इसी को आगे बढ़ाया है. बैट्री स्वैपिंग की व्यवस्था बहुत ही सीमित जगह में स्थापित की जा सकती है. इस नीति में इन्हें सार्वजनिक स्थलों, पार्किंग क्षेत्र, किराना दुकान, पेट्रोल पंप या किसी भी दूसरे स्थानों पर स्थापित करने की छूट दी जा सकती है.
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