गुजरात सरकार ने 21 जून 2018 को विंड-सोलर हाइब्रिड पावर पालिसी-2018 (पवन और सौर ऊर्जा संबंधी मिश्रित नीति) की घोषणा की, ताकि पवन के साथ-साथ सौर ऊर्जा परियोजनाओं को एक स्थान पर स्थापित किया जा सके.
उद्देश्य |
नीति का मुख्य उद्देश्य ट्रांसमिशन इंफ्रास्ट्रक्चर के कुशल उपयोग के लिए बड़े ग्रिड से जुड़े पवन-सौर फोटोवोल्टिक्स (पीवी) हाइब्रिड सिस्टम के प्रचार के लिए एक ढांचा प्रदान करना है. |
मुख्य तथ्य:
• प्रदूषणमुक्त स्वच्छ बिजली उत्पादन की दिशा में गुजरात ने और एक ठोस कदम उठाया है.
• राज्य में एक ही स्थल से सौर और पवन ऊर्जा का एक साथ उत्पादन करने तथा इसके लिए प्रोत्साहक सहायता देने के लिए राज्य सरकार ने पांच वर्ष तक अमल में रहने वाली यह नीति लागू की है.
• इसके तहत वर्तमान सौर ऊर्जा परियोजना की जमीन में ही एक ट्रांसमिशन लाइन का उपयोग कर पवन ऊर्जा परियोजना भी स्थापित की जा सकेगी.
• ऐसे ही पवन ऊर्जा परियोजना के मामले में भी सौर ऊर्जा इकाई की स्थापना हो सकेगी.
• बिल्कुल नए सोलर-विंड हाइब्रिड प्रोजेक्ट भी स्थापित किए जा सकेंगे. ऐसे हाइब्रिड पावर प्रोजेक्ट में पवन ऊर्जा और सौर ऊर्जा अलग मीटर से मापी जाएगी.
• मौजूदा पवन और सौर परियोजनाओं को स्वीकृत एक से अधिक संचरण क्षमता के साथ संकरित किया जा सकता है, मौजूदा संचरण क्षमता में मार्जिन की उपलब्धता के अधीन हैं.
• पवन-सौर हाइब्रिड परियोजनाओं से उत्पन्न बिजली को ऊर्जा शुल्कों से छूट दी जाएगी.
• वर्तमान में, गुजरात लगभग 7,100 मेगावाट गैर परंपरागत ऊर्जा का उत्पादन करता है जिसमें 5,500 मेगावॉट पवन ऊर्जा और 1,600 मेगावाट सौर ऊर्जा शामिल है.
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