हरियाणा सरकार ने गैरकानूनी धर्मांतरण रोकथाम विधेयक, 2022 (Prevention of Unlawful Conversions Bill 2022) के मसौदे को मंजूरी दे दी है. अब इसे विधेयक के तौर पर विधानसभा के समक्ष पेश किया जाएगा. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में 08 फरवरी को यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा गैरकानूनी धर्मांतरण रोकथाम विधेयक, 2022 के मसौदे को स्वीकृति प्रदान की गई.
अब इस विधेयक को विधानसभा के समक्ष पेश किया जाएगा. आपको बता दे कि इस बिल में गलत बयानी, गलत प्रभाव, जबरदस्ती, प्रलोभन या किसी तरह के कपट से शादी हेतु प्रभावित करना अब अपराध होगा. इस बिल को 2 मार्च से शुरू हो रहे बजट सत्र में पेश किया जाएगा.
ये बिल नागरिकों को धार्मिक स्वतंत्रता प्रदान करता है. इसके अंतर्गत संविधान के अनुच्छेद 255, 26, 27 और 28 (Articles 255, 26, 27 and 28 of the Constitution) के तहत धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार की गारंटी दी जाएगी. इस बिल का उद्देशय भारत में धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत (Principles of Secularism in India) को बनाए रखना होगा.
ये विधेयक क्यों लाया गया?
आपको बता दें कि पिछले कई दिनों से दूसरे धर्मों के लोगों को धर्म परिवर्तन करवाकर अपने धर्म को बढ़ाने के बहुत सारे मामले सामने आए हैं. इसमें लोग दूसरे धर्म के व्यक्ति से या अपने ही धर्म को गलत तरह से पेश करके शादी कराते हैं. वहीं कई बार ऐसे केस भी सामने आए हैं जिसमें शादी के बाद दूसरे धर्म को अपनाने के लिए जबरदस्ती की गई है.
अब हरियाणा गैरकानूनी धर्मांतरण रोकथाम विधेयक द्वारा ऐसे मामलों को रोकने का प्रयास करता है. इस विधेयक में अवयस्क, महिलाओं, अनुसूचित जातियों एवं अनुसूचित जनजातियों के साथ जबरन धर्मांतरण पर कड़ी सजा का प्रावधान रखा गया है.
धर्म परिवर्तन करने पर रोक नहीं
प्रस्तावित बिल में धर्म परिवर्तन करने पर रोक नहीं है. हालांकि, जबरन धर्म परिवर्तन पर रोक है. यदि कोई व्यक्ति अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन करना चाहता है तो वो कर सकता है. लेकिन इसके लिए उसे जिला प्रशासन को सूचना देनी होगी. इसमें अधिकारी जांच करेंगे कि धर्म परिवर्तन किसी लालच या धमकी के दबाव में तो नहीं किया जा रहा है. इसके बाद ही धर्म परिवर्तन की अनुमति होगी.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation