केंद्र सरकार ने 16 जुलाई 2018 को नई दिल्ली में ताजमहल के आस-पास औद्योगिक प्रदूषण से निपटने हेतु समिति गठित की.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि समिति की अध्यक्षता पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सचिव सी के मिश्रा करेंगे.
मुख्य तथ्य:
- इस मुद्दे और मुगलकालीन स्मारक की रक्षा करने के लिये युद्ध स्तर पर उठाये जाने वाले कदमों पर विचार करने के लिये आज एक उच्चस्तरीय अंतर मंत्रालयी बैठक हुई.
- यह बैठक उच्चतम न्यायालय के इस मुद्दे पर सरकार को फटकार लगाने के कुछ दिनों बाद हुई.
- बैठक मुख्य रूप से ताज महल के आस - पास वायु और जल प्रदूषण से पार पाने के लिये उठाए जाने वाले कदमों पर केंद्रित रही.
- साथ ही सरकार ने यह भी तय किया है कि ताजमहल के आस-पास के इलाकों में चल रहे खतरनाक उद्योग अगर प्रदूषण रोकने के उपाय नहीं करते तो उन्हें बंद कर दिया जाएगा.
- उत्तर प्रदेश सरकार ने आगरा में ग्रीन फ्यूल का प्रयोग कर प्रदूषण की रोकथाम की योजना बनायी है. इसके तहत बॉयोफ्यूल जैसे ईथनॉल और इलेक्ट्रिक वाहन चलाए जाएंगे.
- साथ ही ताजमहल से आगे यमुना नदी पर एक रबर बांध बनाया जाएगा.
- उन्होंने कहा कि ताजमहल के संरक्षण के संबंध में सरकार जल्द ही एक हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करेगी. इसमें ताज के संरक्षण का एक्शन प्लान दिया जाएगा.
बैठक की अध्यक्षता:
बैठक की अध्यक्षता सड़क परिवहन एवं राजमार्ग , जहाजरानी और जल संसाधन , नदी विकास एवं गंगा पुनर्जीवन मंत्री नितिन गडकरी ने की. इसमें पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री हर्षवर्द्धन , संस्कृति राज्य मंत्री महेश शर्मा और जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा पुनर्जीवन राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह ने भी हिस्सा लिया. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी बैठक में हिस्सा लिया.
गडकरी ने कहा कि केंद्र ताज महल को संरक्षित रखने के बारे में उच्चतम न्यायालय की टिप्पणियों का सम्मान करता है और प्रसिद्ध स्मारक के आस - पास जल और वायु प्रदूषण से निपटने के लिये हरसंभव कदम उठाएगा.
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है जो मामला दर मामला के आधार पर अध्ययन करेगी और ताजमहल के आस - पास खतरनाक उद्योगों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाएगी.
यमुना में प्रदूषण की रोकथाम:
यमुना में प्रदूषण की रोकथाम के लिए सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों की जानकारी देते हुए गडकरी ने कहा कि यमुना पर 34 परियोजनाओं पर काम शुरु किया जा रहा है.
दिल्ली में 12 परियोजनाओं में से 11 पर कार्य शुरु हो चुका है जबकि ओखला की एक परियोजना का टेंडर होने जा रहा है.
यमुना में दिल्ली से गिरने वाली गंदगी को रोकने के साथ-साथ गुड़गांव से बहकर आने वाली गंदगी को भी रोका जाएगा. साथ ही दिल्ली और हरियाणा की सीमा पर यमुना नदी पर वृक्षारोपण कर सिंगापुर की तर्ज पर 35 किलोमीटर का एक गार्डन तैयार किया जाएगा.
मार्च 2019 तक गंगा 70 से 80 प्रतिशत तक साफ दिखने लगेगी. गंगा की सहायक नदियों की सफाई और नालों की रोकथाम के उपाय भी किए जाएंगे.
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