आईबीबीआई ने 31 मार्च, 2017 को आईबीबीआई (सूचना उपयोगिता) (संशोधन) अधिनियम, 2017 अधिसूचित किया है. इस अधिनियम में आईबीबीआई ने व्यवस्था दी है कि कोई भी व्यक्ति किसी सूचना उपयोगिता की प्रदत्त इक्विटी शेयर पूंजी का 10 प्रतिशत से अधिक अथवा इसमें मतदान का अधिकार नहीं रख सकता.
आईबीबीआई ने आईबीबीआई (सूचना उपयोगिता) (संशोधन) अधिनियम, 2017 के तहत कुछ विशेष व्यक्तियों को 25 प्रतिशत तक की अनुमति प्रदान की गई है. आईबीबीआई ने आईबीबीआई (सूचना उपयोगिता) (संशोधन) अधिनियम, 2017 के तहत व्यवस्था की गई है कि व्यक्ति पंजीकरण के बाद तीन वर्ष की अवधि समाप्त होने तक प्रदत्त इक्विटी शेयर पूंजी का 51 प्रतिशत अथवा मतदान का संपूर्ण अधिकार रख सकता है.
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आईबीबीआई ने आईबीबीआई (सूचना उपयोगिता) अधिनियम, 2017 में 29 सितंबर, 2017 को संशोधन किया था. संशोधित अधिनियम के अनुसार कोई भी व्यक्ति अपने पंजीकरण की तारीख से तीन वर्ष तक सूचना उपयोगिता की 51 प्रतिशत प्रदत्त इक्विटी शेयर पूंजी अथवा मतदान का संपूर्ण अधिकार स्वयं अथवा व्यक्तियों की सहमति से रख सकता है.
इसके अतिरिक्त एक भारतीय कंपनी, (i) जो भारत में स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध है अथवा (ii) जहां कोई व्यक्ति, प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से, स्वयं अथवा व्यक्तियों की सहमति से प्रदत्त इक्विटी शेयर पूंजी का 10 प्रतिशत से अधिक रखता है, पंजीकरण की तारीख से तीन वर्ष तक सूचना उपयोगिता की प्रदत्त इक्विटी शेयर पूंजी का शत प्रतिशत अथवा मतदान का संपूर्ण अधिकार रख सकता है.
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आईबीबीआई (सूचना उपयोगिता) (संशोधन) के यह संशोधित प्रावधान 30 सितंबर, 2018 से पहले पंजीकृत सूचना उपयोगिता के संबंध में उपलब्ध होंगे.
संशोधन में यह आवश्यक किया गया है कि किसी सूचना उपयोगिता के आधे से अधिक निदेशक भारतीय नागरिक और भारत के निवासी होने चाहिए.
संशोधन 29 सितंबर, 2017 से प्रभावी होंगे. यह www.mca.gov.in और www.ibbi.gov.in पर भी उपलब्ध है.
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