मौसम संबंधी भविष्यवाणियों और मॉनसून के पूर्वानुमान को और अधिक सटीक बनाने हेतु केंद्र सरकार ने जुलाई 2016 के अंतिम सप्ताह में ने हाइ-टेक तकनीक अपनाने की तैयारी की है. इसके तहत भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) डायनामिकल मॉडल के आधार पर सुपर कंप्यूटर का उपयोग करेगा.
अमेरिका में यह तकनीक पहले से इस्तेमाल की जा रही है.
• भारत के भू-विज्ञान सचिव के अनुसार देश में डायनामिकल मॉडल के आधारित सुपर कंप्यूटर वर्ष 2017 से सेवाएँ देना आरम्भ कर देगा.
• इसके लिए सरकार ने 6 करोड़ डॉलर यानि करीब 400 करोड़ के निवेश से एक सुपर कंप्यूटर खरीदे हैं.
• भारत में करीब 12 करोड़ लोगों मॉनसून की बारिश पर निर्भर है, इनकी खेती बारिश के पानी पर ही निर्भर करती है.
• अब तक देश में सांख्यिकी मॉडल का उपयोग किया जा रहा है.
डायनामिकल मॉडल के बारे में-
• डायनामिकल मॉडल को युग्मित (कपल्ड) पूर्वानुमान प्रणाली के रूप में जाना जाता है.
• यह मौसम विशिष्ट अवधि के लिए स्थानीय स्तर के साथ साथ वैश्विक पर के मिजाज के डेटा पूर्वानुमान करता है.
• उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान के भारतीय संस्थान (आईआईटीएम), पुणे, वार्षिक मानसून के पूर्वानुमान के लिए आईएमडी की सहयता हेतु लगभग 10 वर्षों से प्रायोगिक आधार पर इस मॉडल का उपयोग कर रहा है.
• वैकल्पिक मॉडल को लागू करने के लिए, आईएमडी सुपर कंप्यूटर हेतु निवेश कर रही है. यह प्रणाली 10 पेट फ्लॉप्स प्रति सेकंड की गति से कार्य कर सकती है.
• वर्तमान में डायनामिकल मॉडल 60% सटीक परिणाम डे रहा है. आईएमडी का प्रयास इसे 77% तक करने का है.
• डायनामिकल मॉडल विशिष्ट क्षेत्रों के लिए बदलते मौसम के मिजाज और एक प्रगति मानसून के बदलाव के साथ उन्नत पूर्वानुमान हेतु अधिक सटीकता प्रदान करता है.
• डायनामिकल मॉडल और तीव्र कंप्यूटिंग से आईएमडी पूर्वानुमान में सुधार के रूप में सटीक परिणाम देने के सक्षम हो जाएगा.
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