भारत और इज़राइल ने 25 मई को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक और बिग डेटा के माध्यम से संयुक्त अनुसंधान और विकास पर चर्चा की. भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और उनके इज़राइल समकक्ष के दृष्टिकोण के अनुरूप दोनों देशों के बीच चर्चा हुई जिसमें दोनों देशों के बीच वैज्ञानिक सहयोग का विस्तार करने के लिए विचार-विमर्श किया गया.
इज़राइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू और हमारे प्रधानमंत्री मोदी ने इससे पहले मार्च 2020 में कोविड -19 महामारी के प्रकोप के साथ-साथ इज़राइल में आपूर्ति लाइनों पर इसके संभावित प्रभाव के संबंध में भी चर्चा की थी.
यह समाचार इज़राइल दूतावास द्वारा अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर ट्वीट्स की श्रृंखला में साझा किया गया था जिसमें उल्लेख किया गया था कि कोविड -19 का मुकाबला करने के लिए वैज्ञानिक सहयोग के बारे में CSIR और DRDO ने भारत और इज़राइल के राजदूतों सहित इज़राइल के अनुसंधान और विकास निदेशालय के प्रमुख के साथ चर्चा की.
भारत और इज़राइल के बीच चर्चा:
दोनों देशों के बीच चर्चा के बारे में उपलब्ध कम विवरण के साथ भी, यह आसानी से देखा जा सकता है कि दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय वैज्ञानिक सहयोग के लिए वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) जैसे भारतीय संस्थान इज़राइल के रक्षा मंत्रालय के तहत अनुसंधान और विकास निदेशालय के साथ सहयोग करेंगे.
कोविड -19 के खिलाफ इज़राइल की वैज्ञानिक उपलब्धि:
इससे पहले मई 2020 में, इज़राइल ने एक मोनोक्लोनल एंटीबॉडी के सफल विकास की घोषणा की थी जिसमें SARS-CoV2 वायरस को बेअसर करने की क्षमता है. इज़राइल के रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि देश की प्रमुख जैविक प्रयोगशाला ने कोविड -19 एंटीबॉडी के विकास के चरण को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. रक्षा मंत्रालय ने इस विषय पर कोई वैज्ञानिक जानकारी साझा नहीं की थी और न ही इसमें प्रयोगशाला में मूल्यांकन के बारे में कोई जानकारी शामिल थी.
भारत और इज़राइल के आपसी संबंध: पृष्ठभूमि
इज़राइल राज्य और भारत गणराज्य के व्यापक सैन्य, आर्थिक और रणनीतिक संबंध हैं. ये दोनों राष्ट्र आपस में सामरिक और सैन्य संबंध साझा करते हैं जिसमें आतंकवादी समूहों पर खुफिया जानकारी साझा करने के साथ संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण भी शामिल है. वर्ष 2014 से भारत एशिया में इजरायल का तीसरा सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है. प्रधानमंत्री मोदी के प्रशासन में इज़राइल के साथ संबंधों को प्रोत्साहित किया जा रहा है और आगे बढ़ाया जा रहा है.
संयुक्त राष्ट्र में इज़राइल के खिलाफ कई प्रस्तावों के दौरान मतदान में भी भारत ने भाग नहीं लिया था. दोनों देश एक व्यापक द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते पर भी बातचीत कर रहे हैं जो जैव प्रौद्योगिकी, सूचना प्रौद्योगिकी और कृषि जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित है. देश में लॉकडाउन के दौरान फंसे हुए 500 इज़राइलियों को निकालने की प्रक्रिया में भी भारत सरकार ने इज़राइल की मदद की थी.
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