भारत चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल उत्पादक देश बन गया है. इंडियन सेल्युलर एसोसिएशन (आईसीए) द्वारा साझा जानकारी के अनुसार भारत ने हैंडसेट उत्पादन के मामले में वियतनाम को पीछे छोड़ दिया है.
भारत सरकार, एफटीटीएफ और आईसीए के कठोर और समन्वित प्रयासों से भारत संख्या के लिहाज से दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल उत्पादक देश बन गया है.
आईसीए ने बाजार अनुसंधान फर्म आईएचएस, चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो और वियतनाम के सामान्य सांख्यिकी कार्यालय से उपलब्ध आंकड़ों का हवाला दिया है.
उद्देश्य:
• उद्योग और सरकार के प्रतिनिधित्व वाली संस्था एफटीटीएफ ने मोबाइल फोन उत्पादन में हो रहे विकास की बदौलत आठ अरब डॉलर के कंपोनेंट उत्पादन का स्तर हासिल करने का लक्ष्य रखा है.
• उसने साथ ही वर्ष 2019 तक 15 लाख प्रत्यक्ष और परोक्ष रोजगार पैदा होने का भी अनुमान जताया है.
• संस्था ने अगले साल के आखिर तक 12 करोड़ मोबाइल फोन यूनिट के निर्यात का भी लक्ष्य रखा है, जिसका मूल्य 15 लाख डॉलर का हो सकता है.
रिपोर्ट से संबंधित मुख्य तथ्य:
• आईसीए ने बाजार अनुसंधान फर्म आईएचएस, चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो और वियतनाम के सामान्य सांख्यिकी कार्यालय से उपलब्ध आंकड़ों का हवाला दिया है.
• आईसीएस द्वारा साझा आंकड़ों के मुताबिक देश में मोबाइल फोन का वार्षिक उत्पादन वर्ष 2014 में 30 लाख इकाई से बढ़कर वर्ष 2017 में 1.1 करोड़ इकाई हो गया है.
• भारत, वियतमान को पछाड़कर वर्ष 2017 में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन उत्पादक देश बन गया है.
• देश में मोबाइल फोन उत्पादन बढ़ने के साथ इनका आयात भी वर्ष 2017-18 में घटकर आधे से कम रह गया है.
• घरेलू बाजार में पूर्णत: निर्मित यूनिट का अनुपात 2014-15 के 78 फीसदी से घटकर 2017-18 में 18 फीसदी रह गया.
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत फास्ट ट्रैक टास्क फोर्स (एफटीटीएफ) ने वर्ष 2019 तक मोबाइल फोन उत्पादन 50 करोड़ इकाई तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है, जिसका अनुमानित मूल्य करीब 46 अरब डॉलर होगा.
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