भारत और ईरान ने 9 समझौतों पर हस्ताक्षर किये

ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी की यात्रा दिखाती है कि दोनों देश कैसे संपर्क सहित प्रमुख क्षेत्रों में अपने सहयोग को मजबूत बनाना चाहते हैं. चाबहार पोर्ट को प्रमुखता देते हुए दोनों देशों के बीच डबल टैक्सेशन से बचने, वीजा नियम आसान करने और प्रत्यर्पण संधि समेत 9 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए.

Feb 19, 2018, 11:19 IST
India Iran signed 9 agreements
India Iran signed 9 agreements

भारत के तीन दिन के दौरे पर आए ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच 17 फरवरी 2018 को कई अहम मुद्दों पर समझौते हुए. चाबहार पोर्ट को प्रमुखता देते हुए दोनों देशों के बीच डबल टैक्सेशन से बचने, वीजा नियम आसान करने और प्रत्यर्पण संधि समेत 9 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए.

दोनों देशों के नेताओं की बातचीत के बाद संयुक्त बयान में पीएम मोदी ने कहा कि चाबहार पोर्ट पर ईरान के सहयोग का शुक्रिया अदा करता हूं.

भारत-ईरान के बीच किये गये 9 समझौते

1.    डबल टैक्सेशन और टैक्स सेविंग के लिए पैसे बाहर भेजने की रोकथाम के लिए समझौता

2.    डिप्लोमैटिक पासपोर्टधारकों को वीजा में छूट के लिए एमओयू

3.    एक्स्ट्राडीशन ट्रीटी (प्रत्यर्पण संधि) का लागू करने के लिए समझौता

4.    चाबहार पोर्ट के पहले फेज के लिए समझौता

5.    ट्रेडिशनल सिस्टम और मेडिसिन में सहयोग के लिए समझौता

6.    आपसी व्यापार को बढ़ाने के लिए समझौता

7.    एग्रीकल्चर और उससे जुड़े सेक्टर में सहयोग के लिए समझौता

8.    स्वास्थ्य-दवाओं के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए समझौता

9.    पोस्टल सहयोग के लिए एमओयू

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रूहानी के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि ईरानी राष्ट्रपति की यात्रा दिखाती है कि दोनों देश कैसे संपर्क सहित प्रमुख क्षेत्रों में अपने सहयोग को मजबूत बनाना चाहते हैं. अपनी विस्तृत वार्ता का ब्योरा देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्होंने आतंकवाद, मादक पदार्थों की तस्करी और अन्य चुनौतियों से पैदा हुए खतरों पर चर्चा की.

इससे पहले, राष्ट्रपति भवन में रूहानी का स्वागत किया गया. सुबह विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने रूहानी से मुलाकात की और उनसे विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की.

भारत-ईरान संबंधों का इतिहास

भारत और ईरान का सम्बन्ध प्रागैतिहासिक काल से ही देखा गया है. सिंधु घाटी की मुहरों को मेसोपोटामिया, बेविलोन, उर, लगाश जैसे प्रागैतिहासिक स्थलो पर पाया गया है. ऐतिहासिक-युगो में स्थलमार्ग से ईरान के शासकवर्ग एवं आम लोग व्यक्तिगत प्रयासो से भारत के पश्चिमोत्तर भागो में आये. इसके अलावा इस समय भारत-ईरानी आर्यो का अन्तरसम्बन्ध भी महत्वपूर्ण है. भारत-ईरानी आर्यो के मूल स्थान, धर्म, समाज, सांस्कृतिक क्रिया-कलाप बहुत मिलते-जुलते हैं इसलिए दोनों देशों के लोगों को आपसी तालमेल में दिक्कत महसूस नहीं हुई.

Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
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