अफगानिस्तान में तालिबान सरकार बनने के बाद से अमेरिका, रूस और चीन जैसे कई बड़े देशों की बैठक लगातार जारी है. अब इसी क्रम में भारत भी दिल्ली में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (NSA) की बैठक करने जा रहा है. इस बैठक में पाकिस्तान और रूस को भी आमंत्रित किया गया है.
अफगानिस्तान की स्थिति पर दिल्ली में अगले महीने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (NSA) की बैठक होनी है. इसकी मेजबानी भारत करेगा. इस बैठक की अध्यक्षता भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल करेंगे. माना जाता है कि इस क्षेत्रीय सम्मेलन में चीन, इरान, तजाकिस्तान और उजबेकिस्तान को भी बुलाया गया है.
इस मुद्दों पर होगी चर्चा
इसमें अफगानिस्तान में मानवीय संकट के मसलों पर बातचीत होगी. साथ ही सुरक्षा मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी. प्रस्तावित वार्ता 10 और 11 नवंबर को हो सकती हैं. रूस ने भी 20 अक्टूबर को मॉस्को में इसी तरह का सम्मेलन रखा है. इसमें भारत के साथ-साथ उसने तालिबान को भी बुलाया है.
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल
इससे पहले जून में ताजिकिस्तान में शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) की मीटिंग हुई थी. इस दौरान भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और पाकिस्तानी एनएसए मोईद यूसुफ आमने सामने आए थे. हालांकि, दोनों के बीच द्विपक्षीय वार्ता नहीं हुई थी. एससीओ की मीटिंग में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने आतंकवाद का मुद्दा उठाया था.
भारत और अफगानिस्तान का मुद्दा
अफगानिस्तान के मुद्दे पर भारत लगातार एक्टिव है. यही वजह है कि हाल में अजित डोभाल ने रूसी समकक्ष निकोलाई पेत्रुशेव से मुलाकात की थी. दोनों के बीच अफगानिस्तान को लेकर चर्चा हुई थी. इससे पहले अजित डोभाल ने अमेरिकी NSA जैक सुवेलियन से भी इस मुद्दे पर बात की थी.
कोरोना के दूसरी लहर के चलते बैठक नहीं
पाकिस्तान के एनएसए मोईद यूसुफ को भी सम्मेलन के लिए आमंत्रित किए गए है. यदि वह बैठक में आते हैं तो तो साल 2016 के बाद से किसी पाकिस्तानी अधिकारी की पहली उच्च स्तरीय भारत यात्रा होगी. भारत ने इस साल मई में भी ऐसी ही एक बैठक का प्रस्ताव रखा था लेकिन कोरोना संक्रमण के दूसरी लहर के चलते बैठक नहीं हो पाई थी. उस बैठक में भी पाकिस्तान के एनएसए को न्योता भेजा था.
तालिबान ने काबुल पर कब्जा किया
बता दें कि 15 अगस्त को तालिबान ने काबुल पर कब्जा किया था और इसके साथ ही 20 साल बाद उसकी अफगानिस्तान की सत्ता में वापसी हुई है. भारत अफगानिस्तान के मुद्दे पर लगातार सक्रिय है.
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