भारतीय डाक ने 23 अप्रैल 2017 को बेंगलुरु में सुगंधित डाक टिकट के तौर पर कॉफी पर स्मारक डाक टिकट जारी किया. इस डाक टिकट को केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री निर्मला सीतारमण और केंद्रीय संचार राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने संयुक्त रूप से जारी किया.
डाक टिकट जारी करने के बाद, निर्मला सीतारमण ने डाक विभाग को इस डाक टिकट को जारी करने और 100 रु. मूल्य के एक लाख डाक टिकटों के मुद्रण के लिए धन्यवाद दिया.
ये सुगंधित डाक टिकट बेंगलुरु जीपीओ, मैसूर, मैंगलोर औऱ बेलगाम फिलेटी ब्यूरो और राज्य के अन्य प्रधान डाकघरों में जारी किए जाने की तारीख से बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे.
उन्होंने यह भी कहा कि कॉफी और डाक विभागों के बीच इस प्रकार के समन्वय से कॉफी को बढ़ावा देने में काफी मदद मिलेगी. भारत विशेष जायकों वाले पेय बीन के प्रमुख उत्पादक के तौर पर भी जाना जाता था.
फिलहाल, कॉफी के पौधों को गैर– परंपरागत इलाकों जैसे ओडीशा के पहाड़ी क्षेत्रों, आंध्र प्रदेश के अराकू और उत्तर भारत के अन्य स्थानों पर लगाया जाता है.
सीतारमण ने यह भी कहा कि कॉफी बोर्ड अराकू के आदिवासियों जिन्होंने पेरिस में दुकान खोली थी और भारतीय कॉफी की तरफ लोगों का ध्यान आकर्षित किया था, की तर्ज पर भारतीय कॉफी की ब्रांडिंग करने की भी अपील की.
वर्ष 1973 में, सुगंधित टिकट जारी करने वाला पहला देश भूटान बना था और फिर न्यूजीलैंड, थाईलैंड और स्विट्जरलैंड जैसे देशों ने भी सुगंधित डाक टिकट जारी किए. हालांकि, भारत ने खुशबूदार डाकटिकट जारी करने वाले देशों की सूची में 2006 में शामिल हुआ था.
इस वर्ष भारत ने 15 रु. मूल्य वाले चंदन की खुशबू वाले डाक टिकट जारी किए थे. 15 दिनों के भीतर करीब 30 लाख डाक टिकट बिक गए थे. बाद में 2007 में भारतीय डाक ने गुलाब की खुशबू बाले डाक टिकट, जिनका मूल्य 5 रु. था, जारी किया.
ये टिकट फूल की चार प्रजातियों– नीलम, जवाहर, दिल्ली प्रिंसेस और भीम, में जारी किए गए थे. वर्ष 2008 में, गुलाब की खुशबू वाले टिकटों के साथ चमेली की खुशबू वाले टिकट भी जारी किए गए.
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