भारत ने 21 फरवरी 2018 को स्वदेश निर्मित एवं परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम पृथ्वी 2 मिसाइल का ओडिशा के एक परीक्षण केंद्र से सफल परीक्षण किया. यह मिसाइल 350 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम है.
सेना द्वारा प्रायोगिक परीक्षण के तौर पर सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल को रात करीब साढ़े आठ बजे चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण केंद्र (आईटीआर) के प्रक्षेपण परिसर-3 से प्रक्षेपित किया गया. इस सटीक परीक्षण से पहले 18 जनवरी को अग्नि-5, छह फरवरी को अग्नि-1 और मंगलवार (20 फरवरी) को अग्नि-2 का ओडिशा अपतटीय क्षेत्र स्थित अब्दुल कलाम द्वीप से सफल परीक्षण किया गया था.
पृथ्वी-2 मिसाइल की विशेषताएं
• अत्याधुनिक पृथ्वी-2 मिसाइल 500 से एक हजार किलोग्राम तक का आयुध ले जाने में सक्षम है और यह दोहरे इंजन वाली तरल प्रणोदक चालित है.
• इसमें लक्ष्य को भेदने के लिए आधुनिक जड़त्वीय दिशा-निर्देशन प्रणाली लगी है और यह अपने प्रक्षेप पथ पर बड़ी कुशलता से आगे बढ़ती है.
• प्रशिक्षण अभ्यास के तहत मिसाइल को उत्पाद भंडार से रैंडम तरीके से उठाया गया और इसकी समूची प्रक्षेपण गतिविधियों को सेना की रणनीतिक बल कमान ने अंजाम दिया तथा रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के वैज्ञानिकों ने इसकी निगरानी की.
• इसका पहला परीक्षण 27 जनवरी 1996 को किया गया था.
वीडियो: इस सप्ताह के करेंट अफेयर्स घटनाक्रम जानने के लिए देखें
• इसे डीआरडीओ तथा भारत डायनामिक्स लिमिटेड द्वारा संयुक्त रूप से बनाया गया है.
• नौ मीटर लंबी मिसाइल को वर्ष 2003 में भारतीय सशस्त्र बल में शामिल किया गया था.
• यह पहली ऐसी मिसाइल है जिसे डीआरडीओ ने एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम के तहत विकसित किया है.
भारत की मिसाइल शक्ति
भारत के पास कम दूसरी की बैलिस्टिक मिसाइल में पृथ्वी 1, पृथ्वी 2 तथा पृथ्वी 3 शामिल हैं. इसके अलावा मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल में अग्नि 1 और अग्नि 2 शामिल हैं. अन्तरमहाद्वीपीय दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल हैं अग्नि 5 और अग्नि 6. इसके अतिरिक्त भारत की क्रूज़ मिसाइल ब्रह्मोस विशेष रूप से उल्लेखनीय है.
यह भी पढ़ें: भारत ने अग्नि-2 मिसाइल का सफल परीक्षण किया
Comments
All Comments (0)
Join the conversation