भारतीय रक्षा अनुसंधान संगठन (डीआरडीओ) द्वारा ओडिशा के एपीजे अब्दुल कलाम आईलैंड से 20 फरवरी 2018 को अग्नि-2 मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल (IRBM) का टेस्ट किया गया. यह टेस्ट स्ट्रैटजिक फोर्स कमांड (SFC) ने किया. मिसाइल की रेंज 2000 किलोमीटर बताई गई है. अग्नि-2 मिसाइल परमाणु हथियार ले जा सकने में सक्षम है.
अग्नि-2 मिसाइल को डीआरडीओ की एडवांस्ड सिस्टम्स लेबोरेटरी ने तैयार किया है. अग्नि-2 मिसाइल को इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम (IGMDP) के तहत तैयार किया गया है.
अग्नि-2 की विशेषताएं
• लंबाई में अग्नि-2 अग्नि-1 से 15 मीटर लंबी है और इसका वजन 17 टन है.
• अग्नि-1 की तरह ही अग्नि-2 मिसाइल भी अपने साथ 1000 किलो का भार ले जा सकती है और इसे सेना में शामिल किया जा चुका है.
• अग्नि-1 की तरह स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड द्वारा अग्नि-2 का प्रशिक्षण भी अभ्यास के हिस्से के तौर पर किया गया है.
• यह दो स्टेज की मिसाइल है जो सॉलिड फ्यूल से चलेगी.
• सटीक निशाने पर पहुंचने के लिए इसमें हाईएक्युरेसी नेविगेशन सिस्टम लगाया गया है.
• अग्नि-II की प्रोटोटाइप मिसाइल पहला टेस्ट 11 अप्रैल, 1999 और अंतिम 4 मई, 2017 को किया गया था.
वीडियो: इस सप्ताह के करेंट अफेयर्स घटनाक्रम जानने के लिए देखें
भारत की अग्नि मिसाइलें
• भारत के मिसाइल बेड़े में फिलहाल अग्नि-1, अग्नि-2, अग्नि-3, अग्नि-4 मिसाइलें हैं, जिनकी मारक क्षमता क्रमशः 700 किमी से 3500 किमी की है.
• अग्नि -I (700 किमी की मारक क्षमता)
• अग्नि- II (2,000 किमी की मारक क्षमता)
• अग्नि- III और अग्नि- IV ( 3,500 किमी की सीमा से अधिक मारक क्षमता)
• भारत के पास सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल भी है.
यह भी पढ़ें: जापान ने दुनिया के सबसे छोटे रॉकेट का प्रक्षेपण किया
Comments
All Comments (0)
Join the conversation