भारत ने ओडिशा तट से 23 दिसंबर 2018 को परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम लंबी दूरी की मारक क्षमता वाली बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-4 का सफल परीक्षण किया. इस सामरिक मिसाइल का परीक्षण डॉ. अब्दुल कलाम द्वीप स्थित एकीकृत परीक्षण केंद्र (आईटीआर) के लॉन्च पैड संख्या-4 से किया गया.
अग्नि-4 मिसाइल का यह सातवां परीक्षण था. इससे पहले भारतीय सेना की सामरिक बल कमान (एसएफसी) द्वारा इसी स्थान से 02 जनवरी 2018 को इसका सफल परीक्षण किया गया था. परमाणु क्षमता वाली बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 का सफल परीक्षण 10 दिसंबर 2018 को किया गया था, जिसकी मारक क्षमता 5,000 किलोमीटर है.
अग्नि-4 मिसाइल के बारे में:
• इस मिसाइल को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने बनाया है.
• अग्नि-4 एक इंटरमीडिएट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल है.
• यह मिसाइल 20 मीटर लंबी, डेढ़ मीटर चौड़ी और 17 टन वजन वाली है.
• यह अपने साथ एक किलो तक के विस्फोटक ले जाने में सक्षम है.
• यह मिसाइल 4,000 किलोमीटर की दूरी तक का लक्ष्य भेदने में सक्षम है.
• सतह से सतह पर मार करने में सक्षम स्वदेशी अग्नि-4 मिसाइल में द्विचरणीय शस्त्र प्रणाली है.
• अग्नि-4 मिसाइल में पांचवी पीढी के कंप्यूटर लगे हैं. आधुनिकतम विशेषताएं उड़ान के दौरान आने वाली खामियो से खुद को ठीक एवं दिशा निर्देशित करना है.
• भारत में निर्मित यह मिसाइल जमीन से जमीन पर प्रहार करती है.
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने इस मिसाइल प्रौद्योगिकी में कई नई प्रौद्योगिकियों और महत्वपूर्ण सुधार को प्रदर्शित किया है. यह मिसाइल अपने प्रकारों में एक अलग ही मिसाइल है, यह पहली बार कई नई प्रौद्योगिकियों को साबित करती है और मिसाइल प्रौद्योगिकी के मामले में एक क्वांटम छलांग दर्शाती है.
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