भारत में 2017 में हुई हिंसा से प्रति व्यक्ति 40 हज़ार रुपये का नुकसान: रिपोर्ट

Jun 11, 2018, 09:06 IST

इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस ने 163 देशों एवं क्षेत्रों का अध्ययन करने के बाद यह रिपोर्ट तैयार की है. रिपोर्ट के अनुसार हिंसा से प्रति व्यक्ति ही नहीं बल्कि समूची अर्थव्यवस्था पर इसका प्रभाव पड़ा है.

India Suffers Loss Of Rs 80 Lakh Crore From Violence
India Suffers Loss Of Rs 80 Lakh Crore From Violence

ऑस्ट्रेलियाई संस्थान इंस्टिट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस (आईईपी) द्वारा किये गये एक वैश्विक सर्वेक्षण में पता चला है कि वर्ष 2017 में हुई हिंसा के कारण भारत की जीडीपी को 9 प्रतिशत का नुकसान हुआ है.

इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस ने 163 देशों एवं क्षेत्रों का अध्ययन करने के बाद यह रिपोर्ट तैयार की है. हिंसा से प्रति व्यक्ति ही नहीं बल्कि समूची अर्थव्यवस्था पर इसका प्रभाव पड़ा है.

रिपोर्ट के मुख्य तथ्य

•    भारतीय अर्थव्यवस्था को क्रय शक्ति क्षमता (पीपीपी) के संदर्भ में हिंसा के कारण पिछले साल देश को 1,190 अरब डॉलर यानी करीब 80 लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान उठाना पड़ा है.

•    यह नुकसान प्रति व्यक्ति के हिसाब से करीब 595.40 डॉलर यानी 40 हजार रुपये से अधिक है.

•    वैश्विक अर्थव्यवस्था को पीपीपी आधार पर 14,760 अरब डॉलर का नुकसान हुआ. यह वैश्विक जीडीपी का 12.4 प्रतिशत है जो प्रति व्यक्ति 1,988 डॉलर होता है.

•    रिपोर्ट में कहा गया कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र कुछ गिरावट के बाद भी विश्व का सबसे शांत क्षेत्र बना हुआ है.

•    इस दौरान बाह्य एवं आंतरिक दोनों संघर्षों तथा पड़ोसी देशों के साथ संबंधों में सुधार हुआ है लेकिन हिंसक अपराध, आतंकवाद के प्रभाव, राजनीतिक अस्थिरता और राजनीतिक आतंकवाद ने क्षेत्र में स्थिति को बिगाड़ा है.

रिपोर्ट का आधार

रिपोर्ट में कहा गया कि आकलन में हिंसा के प्रत्यक्ष एवं परोक्ष प्रभावों समेत आर्थिक गुणात्मक प्रभाव को भी शामिल किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार, गुणात्मक प्रभाव उन अतिरिक्त आर्थिक गतिविधियों का भी आकलन करता है जो हिंसा के प्रत्यक्ष प्रभाव को टाल दिए जाने की सूरत में हो सकते थे.

रिपोर्ट में कहा गया कि इंसान को नियमित तौर पर घर, काम, दोस्तों के बीच संघर्ष का सामना करना पड़ता है. जातीय, धार्मिक और राजनीतिक समूहों के बीच यह संघर्ष और अधिक व्यवस्थित तरीके से होता है. लेकिन, इनमें से अधिकांश संघर्ष हिंसा में नहीं बदलते.

 

यह भी पढ़ें: विश्व में मुंबई के लोग सबसे अधिक काम करते हैं: सर्वे


रिपोर्ट के वैश्विक आंकड़े

•    दक्षिण एशिया क्षेत्र में अफगानिस्तान और पाकिस्तान दो सबसे खराब देश बने हुए हैं तथा इनकी स्थिति और खराब हुई है.

•    सीरिया इस दौरान जीडीपी के 68 प्रतिशत खर्च के साथ सबसे खराब देश रहा है. इसके बाद 63 प्रतिशत के साथ अफगानिस्तान और 51 प्रतिशत के साथ इराक का स्थान है.

•    उभरते हुए बाजारों में चीन की अर्थव्यवस्था को पीपीपी के मामले में हिंसा से करीब 1704 अरब डॉलर का नुकसान हुआ.

•    वहीं, ब्राजील की अर्थव्यवस्था को लगभग 510 अरब डॉलर का नुकसान झेलना पड़ा. रूस को करीब 1,000 अरब डॉलर और दक्षिण अफ्रीका को 240 अरब डॉलर का नुकसान झेलना पड़ा.

•    हिंसा के कारण अमेरिका को 2,670 अरब डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा जो कि जीडीपी का 8 प्रतिशत था. वहीं, ब्रिटेन को लगभग 312 अरब डॉलर यानी कि जीडीपी का 7 प्रतिशत नुकसान उठाना पड़ा.

•    शीर्ष खराब देशों में अल सल्वाडोर, दक्षिणी सुडान, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, साइप्रस, कोलंबिया, लीसोथो और सोमालिया भी शामिल हैं.

•    हिंसा से हुए नुकसान के मामले में सबसे बेहतर स्थिति स्विट्जरलैंड की रही है. इसके बाद इंडोनेशिया और बुर्किना फासो का स्थान है.

 

 

Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
... Read More

यूपीएससी, एसएससी, बैंकिंग, रेलवे, डिफेन्स और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नवीनतम दैनिक, साप्ताहिक और मासिक करेंट अफेयर्स और अपडेटेड जीके हिंदी में यहां देख और पढ़ सकते है! जागरण जोश करेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें!

एग्जाम की तैयारी के लिए ऐप पर वीकली टेस्ट लें और दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा करें। डाउनलोड करें करेंट अफेयर्स ऐप

AndroidIOS

Trending

Latest Education News