अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा है कि भारतीय अदालतों ने वर्ष 2017 में 109 से अधिक मामलों में मौत की सजा सुनाई गई. एमनेस्टी ने 12 अप्रैल 2018 को ‘द डेथ संटेंसेज एंड एक्जिक्यूशंस 2017’ नामक रिपोर्ट जारी की.
रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2016 में 136 लोगों को मौत की सजा सुनाई गई थी, जिसके मुकाबले 2017 में मौत की सजा पाने वालों की तादाद 27 कम है.
भारत में मौत की सजा:
• संस्था ने नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के सेंटर ऑन डेथ पेनल्टी के हवाले से बताया है कि 2017 में 51 हत्या के आरोपियों को मौत की सजा सुनाई गई. यह संख्या वर्ष 2016 के मुकाबले में 87 कम है.
• वहीं रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि यौन अपराध से संबंधित हत्या के आरोपों में 43 लोगों को मौत की सजा सुनाई गई. दो लोगों को नशीली दवाओं से संबंधित मामलों में मृत्यदंड का आदेश दिया गया.
• भारत में मौत की सजा का सामना कर रहे लोगों की कुल संख्या 371 है.
• भारत में पिछली बार 1993 के ममुंबई आतंकी हमले के आरोपी याकूब मेमन को फांसी दी थी. इस हमले में 257 लोगों की मौत हो गई थी.
अन्य हाइलाइट्स:
• रिपोर्ट में बताया गया है कि 2018 के दौरान दुनिया में सबसे ज्यादा मौत की सजा चीन में दी गई, जिसकी तादाद हजारों में है.
• हालांकि चीन में मौत की सजा पाने वालों की सही आंकड़ों का पता नहीं चल पाया है, क्योंकि वहां इसे गुप्त रखा जाता है.
• मौत की सजा देने वालों में दूसरा स्थान ईरान का है, जहां 507 लोगों को मौत की सजा दी गई.
• तीसरे स्थान पर सऊदी अरब है, जहां 146 लोगों को मौत की सजा दी गई. जबकि इराक में 125 से अधिक लोगों को मौत की सजा मिली.
• पाकिस्तान में मौत की सजा पाने वालों की संख्या 60 है. अमरीका में 23 लोगों को मौत की सजा दी गई.
• यूरोप में सिर्फ बेलारूस में दो लोगों को वर्ष 2017 में मौत की सजा दिया गया था.
• कुल मिलाकर, रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2017 में फांसी की सजा पाने वालों में चार फीसदी की कमी आई है, जबकि मौत की सजा सुनाए जाने के मामलों में 14 फीसदी कमी दर्ज की गई है.
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