भारतीय नौसेना को अमेरिका स्थित वैमानिकी कंपनी बोइंग से पनडुब्बी रोधी 11वां लड़ाकू विमान पी-8आई मिल गया है. अधिकारियों ने बताया कि ये गश्ती विमान भारतीय नौसेना के बेड़े का अभिन्न हिस्सा हैं. आने वाले समय में जल्द ही आखिरी विमान नौसेना को मिलेगा.
रक्षा मंत्रालय ने साल 2009 में आठ पी-8आइ विमानों के लिए समझौता किया था. बाद में, 2016 में इसने चार अतिरिक्त पी-8आइ विमानों के लिए सौदे पर हस्ताक्षर किए. 18 अक्टूबर को जारी एक बयान में कहा गया कि रक्षा मंत्रालय द्वारा चार अतिरिक्त विमानों के लिए 2016 में किए गए सौदे के तहत प्राप्त होने वाला यह तीसरा विमान है.
Another P-8I! Watch the @indiannavy’s 11th and latest P-8I take off to join the second largest #P8 fleet in the world. pic.twitter.com/O62WZgREaf
— Boeing India (@Boeing_In) October 18, 2021
10वां पी-8आई विमान
बयान में कहा गया कि टोही विमान भारतीय नौसेना के बेड़े का एक अभिन्न अंग है और साल 2013 में इसे शामिल किए जाने के बाद से 30,000 घंटों से अधिक की उड़ान भर चुका है. भारतीय नौसेना को पिछले साल नवंबर में नौवां पी-8आई विमान और इस साल जुलाई में 10वां पी-8आई विमान मिला था.
पनडुब्बी रोधी लड़ाकू क्षमताओं से लैस
बयान में आगे बताया गया है कि शानदार समुद्री टोही और पनडुब्बी रोधी लड़ाकू क्षमताओं से लैस इस विमान को आपदा राहत और मानवीय अभियानों में मदद के लिए भी तैनात किया गया है. बयान में कहा गया कि बोइंग भारतीय नौसेना के फ्लाइट क्रू, स्पेयर पार्ट्स, ग्राउंड सपोर्ट इक्विपमेंट और फील्ड सर्विस रिप्रेजेंटेटिव सपोर्ट का प्रशिक्षण देकर भारत के बढ़ते पी-8 आई बेड़े का समर्थन करता है.
Indian Navy expands Maritime Reconnaissance capabilities with delivery of 11th P-8I. Indian Navy was Boeing’s first international customer for the P-8. 11th P-8I is the third of four additional aircraft under the options contract signed by the Ministry of Defence in 2016: Boeing pic.twitter.com/w6nbLmMaA1
— ANI (@ANI) October 18, 2021
पी-8 आई एयरक्राफ्ट हंटर नाम से प्रसिद्ध
अमेरिका के पी-8 आई एयरक्राफ्ट हंटर नाम से प्रसिद्ध हैं. हिन्द महासागर क्षेत्र में सभी महत्वपूर्ण चोक पॉइंट्स पर निगरानी रखने के लिए भारत ने साल 2012 में अमेरिका से 12 पी-8 आई समुद्री निगरानी और पनडुब्बी रोधी विमानों का सौदा 2.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर में किया था. इनमें से 8 टोही विमानों की आपूर्ति 2013 में की गई थी.
घातक बमों से लैस
अमेरिकी कंपनी बोइंग ने पनडुब्बियों का शिकार करने के लिए इन विमानों को मार्क-54 तारपीडो, मार्क-84 डेप्थ चार्ज और घातक बमों से लैस किया है. इसके अतिरिक्त इस विमान में एजीएम-84 हार्पून एंटी शिप मिसाइलें भी लगाई गई हैं. पी-8 आई को कैरियर बैटल ग्रुप की सुरक्षा के लिए भी तैनात किया जा सकता है.
पी-8 आई में मैगनेटिक अनोमली डिटेक्शन सिस्टम (मैड) लगा है जो पानी के अंदर छिपी पनडुब्बियों को खोज निकालता है. इसके अतिरिक्त इसमें कई ऐसे रडार लगे हैं जो लंबी दूरी तक नजर रखने और जासूसी करने में सक्षम हैं.
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