भारत में प्राइवेट ‘क्रिप्टोकरेंसी’ पर लगेगी रोक, मंत्रियों की समिति ने की सिफारिश

Jul 23, 2019, 10:08 IST

क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी है. यह करेंसी कंप्यूटर एल्गोरिदम पर आधारित है. केंद्र सरकार ने 02 नवंबर 2017 को आर्थिक मामलों के सचिव की अगुवाई में एक अंतर मंत्रालयी समिति गठित की थी.

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आर्थिक मामलों के सचिव की अगुवाई वाले एक अंतर मंत्रालयी समूह ने हाल ही में देश में निजी आभासी मुद्रा (क्रिप्टोकरेंसी) को प्रतिबंधित करने का सुझाव दिया है. अंतर मंत्रालयी समूह ने देश में क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित किसी भी तरह की गतिविधि हेतु जुर्माना लगाने की भी सिफारिश की है.

अंतर मंत्रालयी समूह ने इसके साथ ही एक आधिकारिक डिजिटल मुद्रा पेश करने का भी सुझाव दिया है. समूह ने कहा है कि इस डिजिटल मुद्रा का भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा उचित तरीके से नियमन भी किया जाना चाहिए. यह कानून बनने पर क्रिप्टोकरेंसी में किसी भी तरीके का लेन-देन या निवेश अपराध होगा और दोषी व्यक्ति को दस साल के कारावास की सजा और 25 करोड़ रुपये तक का जुर्माना देना होगा.

अंतर मंत्रालयी समिति का गठन

केंद्र सरकार ने 02 नवंबर 2017 को आर्थिक मामलों के सचिव की अगुवाई में एक अंतर मंत्रालयी समिति गठित की थी. इस समिति को आभासी मुद्रा से संबंधित मुद्दों पर अध्ययन करने और इसके लिए कार्रवाई पर भी सुझाव देने का काम दिया गया. समिति के अन्य सदस्यों में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी सचिव, सेबी के चेयरमैन और रिजर्व बैंक के डेप्युटी गवर्नर शामिल हैं.

क्रिप्टोकरेंसी क्या है?

क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी है. यह करेंसी कंप्यूटर एल्गोरिदम पर आधारित है. इसका इस्तेमाल शॉपिंग या कोई सर्विस खरीदने हेतु किया जा सकता है. यह स्वतंत्र मुद्रा है जिसका कोई मालिक नहीं है. सबसे पहले क्रिप्टोकरेंसी की शुरुआत साल 2009 में हुई थी. बिटकॉइन सबसे पहली क्रिप्टोकरेंसी थी.

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प्रतिबंध और जुर्माना लगाने का भी सुझाव

अंतर मंत्रालयी समूह द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि निजी क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े जोखिमों, उनके मूल्य में उतार-चढ़ाव के मद्देनजर इसे प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की गयी है. समूह ने साथ ही देश में क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित किसी भी तरह की गतिविधि के लिए जुर्माना लगाने का भी सुझाव दिया है.

जून 2019 में एक रिपोर्ट आई थी कि भारत में डिजिटल करेंसी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध है और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2019 के ड्राफ्ट के प्रस्ताव के तहत देश में क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-बिक्री करने वालों को दस साल की जेल की सजा मिलेगी.

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डीएलटी का इस्तेमाल

समिति ने देश में डीएलटी (डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर टेक्नॉलाजी) के इस्तेमाल के लिए विशेष रूप से वित्तीय सेवाओं सहित इसके विभिन्न एप्लिकेशंस का भी सुझाव दिया है. डीएलटी आधारित प्रणाली का इस्तेमाल बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों द्वारा ऋण जारी करने की निगरानी प्रक्रिया, रेहन प्रबंधन, धोखाधड़ी को पकड़ने और बीमा क्षेत्र में दावों के प्रबंधन हेतु किया जा सकता है.

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Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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