भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने इस वर्ष से स्कूली बच्चों के लिए “युवा वैज्ञानिक कार्यक्रम” (युविका) नामक एक विशेष कार्यक्रम शुरू किया है. इस कार्यक्रम का उद्देश्य मुख्य रूप से अंतरिक्ष कार्यकलापों के उभरते क्षेत्रों में अपनी रुचि जगाने के इरादे से युवाओं को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष विज्ञान और अंतरिक्ष अनुप्रयोगों पर बुनियादी ज्ञान प्रदान करना है.
युवा वैज्ञानिक कार्यक्रम के मुख्य बिंदु
• इसरो ने इस कार्यक्रम को "उन्हें कम उम्र में ही ज्ञान प्रदान करने" के लिए चुना है.
• आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम गर्मियों की छुट्टियों के दौरान लगभग दो सप्ताह की अवधि का होगा और प्रत्येक वर्ष इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए प्रत्येक राज्य / केंद्र शासित प्रदेश से 3 छात्रों का चयन करना प्रस्तावित है, जो सीबीएसई, आईसीएसई और राज्य पाठ्यक्रम को कवर करते हैं.
• जो छात्र 8 वीं कक्षा पूरी कर चुके हैं और वर्तमान में 9 वीं कक्षा में पढ़ रहे हैं, वे कार्यक्रम के लिए पात्र होंगे.
• चयनित छात्रों को इसरो के अतिथिगृह/ हॉस्टल में ठहराया जाएगा.
• पूरे पाठ्यक्रम के दौरान छात्र द्वारा यात्रा (निकटतम रेवले स्टेशन से रिपोर्ट करने वाले केंद्र तक आने एवं जाने हेतु रेलगाड़ी का द्वितीय श्रेणी का किराया), पाठ्य सामग्री, रहने एवं खाने, इत्यादि में किए गए व्यय का वहन इसरो द्वारा किया जाएगा.
• छात्र को रिपोर्टिंग केंद्र तक लाने एवं ले जाने हेतु एक अभिभावक/माता-पिता को भी रेलगाड़ी में द्वितीय श्रेणी का किराया प्रदान किया जाएगा.
• इसरो ने त्रिपुरा में इनक्यूबेशन केंद्र विकसित किया है. ऐसे ही चार और केंद्र को त्रिची, नागपुर, राउरकेला और इंदौर में विकसित किये जायेंगे.
चयन प्रक्रिया
इसरो ने भारत में राज्यों के संबंधित मुख्य सचिव/ केंद्र शासित प्रदेशों के संबंधित प्रशासनिकों से प्रत्येक राज्य/कें.शा.प्र. से तीन छात्रों के चयन हेतु व्यवस्था करने और उनकी सूची इसरो को प्रदान करने हेतु संपर्क किया है. चयन की प्रक्रिया शैक्षणिक प्रदर्शन एवं पाठ्यक्रम गतिविधियों पर आधारित होगी, जिसे राज्यों के मुख्य सचिवों/ कें.शा.प्र. के प्रशासनिकों को पहले से परिचालित चयन मानदंडों में स्पष्ट रूप से दर्शाया गया है. चयन प्रक्रिया में ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को विशेष महत्व दिया जाएगा.
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