प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काकरापार परमाणु ऊर्जा संयंत्र-3 के सामान्य परिचालन स्थिति में आने पर 22 जुलाई 2020 को परमाणु वैज्ञानिकों को बधाई दी और कहा कि यह स्वेदशी परमाणु संयंत्र मेक इन इंडिया अभियान का गौरवपूर्ण उदाहरण है. उन्होंने कहा कि साथ ही भविष्य में ऐसी कई उपलब्धियों के लिए एक शुरुआत भी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दी गई यह बधाई इसलिए भी मायने रखती है क्योंकि इस पावर स्टेशन का रिएक्टर-3 पूरी तरप से स्वदेशी है. यानी मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट की एक बहुत बड़ी सफलता है. इस ऊर्जा संयंत्र का सामान्य परिचालन स्थिति में आना इस बात का संकेत है कि यह संयंत्र ऊर्जा उत्पादन के लिए अब तैयार है.
प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर दी बधाई
प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा कि काकरापार परमाणु ऊर्जा संयंत्र-3 के सामान्य परिचालन स्थिति में आने के लिए हमारे परमाणु वैज्ञानिकों को बहुत-बहुत बधाई. यह स्वदेश में ही डिजाइन किया गया 700 एमडब्ल्यूई का केएपीपी-3 परमाणु संयंत्र मेक इन इंडिया का एक गौरवपूर्ण उदाहरण है. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही यह इस तरह की अनगिनत भावी उपलब्धियों में निश्चित तौर पर अग्रणी है.
Congratulations to our nuclear scientists for achieving criticality of Kakrapar Atomic Power Plant-3! This indigenously designed 700 MWe KAPP-3 reactor is a shining example of Make in India. And a trailblazer for many such future achievements!
— Narendra Modi (@narendramodi) July 22, 2020
गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर दी बधाई
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर कहा कि स्वदेश में ही डिजाइन किया गया 700 मेगावाट की क्षमता वाला गुजरात का काकरापार परमाणु ऊर्जा संयंत्र-3 का सामान्य परिचालन स्थिति में आना (क्रिटिकल होना) भारत के परमाणु इतिहास के लिए एक बड़ा दिन है. उन्होंने कहा कि ‘‘न्यू इंडिया’’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘‘आत्मनिर्भर भारत’’ की दृष्टि को सच करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है.
Big Day in India’s Nuclear history as indigenously designed 700 MWe Kakrapar Atomic Power Plant-3 in Gujarat achieved criticality.
— Amit Shah (@AmitShah) July 22, 2020
Nation salutes our scientists on this stellar achievement. New India is marching ahead to realise PM @NarendraModi’s vision of #AatmaNirbharBharat.
भारत का सबसे बड़ा रिएक्टर
गुजरात में स्थित 700 मेगावाट की क्षमता वाले इस ऊर्जा संयंत्र के सामान्य परिचालन स्थिति में आना इस बात का संकेत है कि यह संयंत्र ऊर्जा उत्पादन के लिए अब तैयार है. यह देश का एकलौता सबसे बड़ा रिएक्टर है.
काकरापार परमाणु ऊर्जा संयंत्र के रिएक्टर-3 की खासियत क्या है?
• यह स्वदेश में ही डिजाइन किया गया 700 एमडब्ल्यूई का केएपीपी-3 परमाणु संयंत्र मेक इन इंडिया का एक गौरवपूर्ण उदाहरण है.
• परमाणु रिएक्टर के चलने योग्य होने के बाद भारत उन देशों की कतार में खड़ा हो गया है, जिनके पास न्यूक्लियर पावर तकनीक है.
• भारत ने तीन स्तर का न्यूक्लियर प्रोग्राम का विकास किया है. इसने क्लोज्ड फ्यूल साइकल पर आधारित एक तीन चरणों वाला परमाणु कार्यक्रम विकसित किया है, जहां एक चरण में इस्तेमाल हुए ईंधन को फिर से प्रक्रिया करके अगले चरण के लिए ईंधन बनाया जाता है.
• भारत में निर्मित 700 एमडब्ल्यूई वाले इस प्लांट का विकास और ऑपरेशन न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआईएल) ने किया है.
• 700 एमडब्ल्यूई का केएपीपी-3 रिएक्टर इस न्यूक्लियर पावर स्टेशन का तीसरा फेज़ है. ये एक हैवी वाटर रिएक्टर प्लांट है, जिसे भारत के सर्वश्रेष्ठ पावर स्टेशन का दर्जा मिला है.
• केएपीपी-3 रिएक्टर देश का सबसे बड़ा हैवी वाटर रिएक्टर है, जिसे स्वदेशी तरीके से बनाय गया है. इसमें प्राकृतिक यूरेनियम को ईंधन के तौर पर डाला जाएगा. अब तक इससे बड़ा हैवी वाटर रिएक्टर महाराष्ट्र के तारापुर में था. वह 540 एमडब्ल्यूई का है.
काकरापार परमाणु ऊर्जा संयन्त्र
काकरापार परमाणु ऊर्जा संयन्त्र, भारत का एक परमाणु ऊर्जा संयंत्र है. काकरापार परमाणु ऊर्जा संयंत्र गुजरात के सूरत शहर से 80 किलोमीटर दूर ताप्ती नदी के किनारे स्थित है. इस प्लांट में 220 एमडब्ल्यूई के दो और स्टेशन केएपीएस-1 और केएपीएस-2 भी हैं. पहले प्लांट की शुरुआत साल 1993 और दूसरे की शुरुआत साल 1995 में हुई थी. तीसरे प्लांट की शुरुआत जून 2010 में हुई थी, जो अभी पूरी हुई है और इसने काम करना शुरू कर दिया है. भारत सरकार की योजना है कि वह अपनी परमाणु ऊर्जा शक्ति को साल 2031 तक 6780 एमडब्ल्यूई से बढ़ाकर 22,480 एमडब्ल्यूई कर दे. इससे देश को परमाणु ऊर्जा का बड़ा स्रोत मिल जाएगा.
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