नासा अंतरिक्ष संचार में तेजी लाने के उद्देश्य से अंतरिक्ष में "लेजर संचार रिले प्रदर्शन ( LCRD) तकनीक" का परीक्षण करने वाला है.
प्रमुख पहलू
यह LCRD दो साल की देरी के बाद 04 दिसंबर, 2021 को लॉन्च किया जाएगा.
इसे रक्षा विभाग द्वारा स्पेस टेस्ट प्रोग्राम सैटेलाइट -6 (STPSat-6) मिशन के दौरान यूनाइटेड लॉन्च अलायंस एटलस V रॉकेट पर अंतरिक्ष में लॉन्च किया जाएगा.
इस मिशन को फ्लोरिडा के केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से लॉन्च किया जाएगा.
यह "आर्टेमिस मानवयुक्त चंद्रमा-लैंडिंग मिशन" को लाभान्वित करेगा जिसे वर्ष, 2025 में लॉन्च किया जाना है.
लेजर मिशन का महत्त्व
अंतरिक्ष में लेजर तकनीक रेडियो फ्रीक्वेंसी के मुकाबले 10-100 गुना अधिक डाटा को पृथ्वी पर वापस भेजने के लिए सक्षम करेगा. यह तकनीक रेडियो फ्रीक्वेंसी स्पेक्ट्रम की भीड़-भाड़ (अधिकता) को भी रोकेगी. LCRD महत्त्वपूर्ण है क्योंकि नासा और वाणिज्यिक क्षेत्र आर्टेमिस के साथ-साथ वाणिज्यिक चंद्र पेलोड सेवा कार्यक्रम और नियोजित गेटवे स्पेस स्टेशन का उपयोग करके कई अंतरिक्ष मिशन शुरू करने की योजना बना रहे हैं.
रेडियोफ्रीक्वेंसी स्पेक्ट्रम की अधिकता
पृथ्वी की निचली कक्षाओं में उपग्रहों के मेगा-नक्षत्रों की संख्या बढ़ने के बाद से रेडियोफ्रीक्वेंसी स्पेक्ट्रम की अधिकता निरंतर बढ़ रही है क्योंकि दुनिया के अनेक देश अब अपने सैटेलाइट्स अंतरिक्ष में भेज रहे हैं.
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लेजर तकनीक परीक्षण के बारे में
यह लेजर प्रौद्योगिकी मिशन 22,236 मील की दूरी पर भू-समकालिक कक्षा की यात्रा करेगा, लेकिन चंद्रमा तक नहीं पहुंचेगा. यह परीक्षण कम से कम दो साल की अवधि के लिए आयोजित किया जाएगा.
पृष्ठभूमि
इस लेजर मिशन की योजना को वर्ष, 2011 में मंजूरी दी गई थी. हालांकि वर्ष, 2018 में इसे 'सरकारी जवाबदेही कार्यालय' से इसके दायरे और डिजाइन में कुछ बदलावों के बारे में चेतावनी मिली थी. बाद में, कोविड -19 महामारी प्रेरित प्रतिबंधों के कारण इस मिशन स्थगित कर दिया गया था.
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