भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए रिज़र्वेशन चार्ट तैयार करने के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब कुछ ट्रेनों में यात्री यात्रा से 8 से 10 घंटे पहले ही टिकट की स्थिति (कन्फर्म, RAC या वेटिंग) जान सकेंगे, जिससे आख़िरी समय की अनिश्चितता काफी हद तक कम होगी।
जुलाई 2025 में रेलवे बोर्ड ने इस समय सीमा को बढ़ाकर 8 घंटे करने के निर्देश दिए थे। अब दिसंबर 2025 में इसे और आगे बढ़ाते हुए कुछ ट्रेनों के लिए 10 घंटे पहले तक चार्ट तैयार करने की व्यवस्था लागू की गई है। यह बदलाव देशभर के 18 रेलवे ज़ोन में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है।
पहले रेलवे का पहला रिज़र्वेशन चार्ट ट्रेन के प्रस्थान से केवल 4 घंटे पहले बनता था। इससे खासकर लंबी दूरी की यात्रा करने वाले वेटिंग टिकट यात्रियों को काफी तनाव झेलना पड़ता था।
नया चार्ट तैयार होने का समय
ट्रेन के प्रस्थान समय के अनुसार नया शेड्यूल इस प्रकार है:
| ट्रेन प्रस्थान समय | पहला चार्ट कब तैयार होगा |
| सुबह 5:01 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक | पिछली रात 8:00 बजे तक (लगभग 10 घंटे या उससे अधिक पहले) |
| दोपहर 2:01 बजे से रात 11:59 बजे तक और रात 12:00 बजे से सुबह 5:00 बजे तक | प्रस्थान से 10 घंटे पहले |
यात्रियों को क्या लाभ होगा?
इस नए नियम से यात्री IRCTC ऐप, वेबसाइट या SMS के जरिए PNR स्टेटस काफी पहले चेक कर सकेंगे।
अगर टिकट कन्फर्म नहीं होता है, तो वैकल्पिक यात्रा या ठहरने की योजना समय रहते बनाई जा सकेगी। वहीं दूर-दराज़ इलाकों से आने वाले यात्रियों को अनावश्यक खर्च और तनाव से राहत मिलेगी। पहले चार्ट के बाद भी जो सीटें खाली रहती हैं, वे फाइनल चार्ट तक बुकिंग के लिए उपलब्ध रहेंगी।
क्या कहते है अधिकारी
जागरण डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले में रेलवे बोर्ड के डायरेक्टर (पैसेंजर मार्केटिंग) संजय मनोचा ने भारतीय रेलवे के सभी 18 ज़ोन को एक आधिकारिक अधिसूचना जारी कर नए नियमों को तत्काल प्रभाव से लागू करने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत ट्रेनों का रिज़र्वेशन चार्ट निर्धारित समय से पहले तैयार किया जाएगा, ताकि यात्रियों को समय रहते अपनी सीट की स्थिति (कन्फर्म, RAC या वेटिंग) की जानकारी मिल सके।
फिलहाल तत्काल टिकट या आपात कोटा के नियमों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यह कदम रेलवे के PRS सिस्टम के आधुनिकीकरण की दिशा में एक और महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है। कुल मिलाकर, यह बदलाव यात्रियों के लिए अधिक पारदर्शिता, बेहतर योजना और तनावमुक्त यात्रा सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम पहल है।
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