15 जून 2016 को लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रेविटेशनल वेव ऑब्जर्वेट्री (एलआईजीओ–LIGO) ने ब्लैक होल की टक्कर की वजह से स्थान और समय के झुकाव से पैदा होने वाले दूसरे गुरुत्वाकर्षण तरंगों के पता लगने की घोषणा की.
यह खोज LIGO के लुइसियाना और वाशिंगटन में लगे ट्विन डिटेक्टरों द्वारा 26 दिसंबर 2016 को तब किया गया जब इन तरंगों ने वेधशाला को करीब एक पूरे सेकेंड तक टक्कर मारी और यह पहले वाले की तुलना में पांच गुना अधिक समय तक के लिए था.
पहले गुरुत्वाकर्षणीय तरंग के पता लगने की घोषणा फरवरी 2016 को LIGOद्वारा की गई थी और यह खोज फिजिकल रिव्यू लेटर्स में प्रकाशित हुई थी. तरंग ने सबसे पहले लिविंग्स्टन, लुइसियाना की वेधशाला को टक्कर मारी और फिर 1.1 मिलिसेकेंड के बाद यह वाशिंग्टन के हैनफोर्ड वाली वेधशाला से गुजरा. यह घटना 14 सितंबर 2015 को घटी थी.
टिप्पणी
• दो ब्लैक होल्स गहरे अंतरिक्ष में अपनी जबरदस्त mass warping space time और फैल रहे गुरुत्वाकर्षण तरंगों के साथ प्रकाश की गति से एक दूसरे की ओर घुमवदार तरीके से बढ़ते हैं.
• दो ब्लैक होल्स एक दूसरे से टकराते हैं और एक बड़ा ब्लैक होल बनाते हैं जिसका द्रव्यमान सूर्य के द्रव्यमान से 62 गुना अधिक होता है, असंख्य तरंगों को उत्सर्जित करता है.
• LIGO के दो डिटेक्टरों ने गुरुत्वाकर्षण लहरों को अलग-अलग रूप में मापा है क्योंकि दो निकायों की कक्षाएं खराब हो रही थीं और दो ब्लैक होल का विलय हो रहा था. एक सूर्य के द्रव्यमान का आठ गुना जबकि दूसरा 14 गुना था, दोनों ने मिलकर सूर्य के द्रव्यमान के 21 गुना अधिक वाले ब्लैक होल का निर्माण किया.
• पहली टक्कर से जो संकेत LIGO ने पता लगाया, उदाहरण के लिए वह सिर्फ 0.2 सेकेंड में समाप्त हो गया.
• छोटे ब्लैकहोल टक्कर से पहले बहुत निकट आ सकते हैं और इसलिए वे अधिक लंबे समय तक कक्षा में परिक्रमा कर सकते हैं जो LIGO के न्यूनतम सीमा से अधिक है.
LIGO डिटेक्टरों के बारे में
• इन डिटेक्टरों का आकार विशालकाय L(अंग्रेजी वर्णमाला का अक्षर) जैसा है, जो दो 2.5 मील लंबी वैक्युम से बना है.
• प्रकाश प्रत्येक नली में से पुली की एक प्रणाली द्वारा 88 पाउंड दर्पण दोलन पर उछलने से पहले उस उपकरण से जोड़ा जाता है जो पृथ्वी के भूकंपीय गति को सक्रिय रूप से मापता और उसकी गणना करता है.
• प्रत्येक पुली उससे हो कर गुजरने वाले किसी भी गति को बिखेर देता है और प्रणाली उस प्रभाव को चार गुना बड़ा बना देती है.
• Lके क्रक्स पर डिटेक्टर प्रकाश को फिर से एकत्र कर देता है.
• अगर दर्पण ठीक वहीं हैं जहां उन्हें होना चाहिए, तो प्रकाश की एक किरण दूसरे के साथ लाइन होती है और कोई भी प्रकाश डिटेक्टर से नहीं टकराता है.
• अगर दर्पण अपने स्थान से हिलता है, किरणों का लाइनअप बिगड़ता है और कुछ प्रकाश नली से होकर गुजरता है और त्रुटि के स्रोत की जांच के लिए प्रणाली को चेतावनी देता है.
• सेंसर्स में लगे चुंबक से लेकर ट्रकों के गुजरने से वैक्युम नली के आस–पास होने वाले ध्वनिक शोर तक हर चीज, माप में शोर की वजह बन सकता है.

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