होम्योपैथी केंद्रीय परिषद (संशोधन) विधेयक लोकसभा ने पारित किया

Aug 1, 2018, 12:30 IST

इस विधेयक के बारे में 18 मई 2018 को अध्यादेश लागू किया गया था. सरकार सुनिश्चित करेगी कि सभी होम्योपैथी मेडिकल कॉलेजों में न्यूनतम मानदंड और बुनियादी सुविधाएं हों.

Lok Sabha passes bill to revamp homoeopathy council
Lok Sabha passes bill to revamp homoeopathy council

लोकसभा ने 30 जुलाई 2018 को होम्योपैथी केंद्रीय परिषद (संशोधन) विधेयक, 2018 को मंजूरी दे दी, जो होम्योपैथी केंद्रीय परिषद (संशोधन) अध्यादेश 2018 का स्थान लेगा.

इस विधेयक के बारे में 18 मई 2018 को अध्यादेश लागू किया गया था. सरकार सुनिश्चित करेगी कि सभी होम्योपैथी मेडिकल कॉलेजों में न्यूनतम मानदंड और बुनियादी सुविधाएं हों.

सरकार होम्योपैथी, आयुर्वेद, यूनानी और सिद्धा चिकित्सा पद्धतियों पर एक अलग विधेयक भी लेकर आएगी.

                                उद्देश्य:

इससे देश में सभी होम्योपैथी कॉलेजों को मान्यता प्रदान करने में सरकार की भूमिका सुनिश्चित होगी.

विधेयक से संबंधित मुख्य तथ्य:

  • विधेयक के तहत केंद्र सरकार को परिषद् की जगह संचालन मंडल के गठन का अधिकार दिया गया है.
  • साथ ही यह विधेयक किसी भी नये होम्योपैथी कॉलेजों की स्थापना, पुराने कॉलेजों में सीटें बढ़ाने या नये पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए केंद्र सरकार की पूर्वानुमति को अनिवार्य बनाता है.
  • सरकार आयुष के सभी प्रणालियों आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्धा और होम्योपैथी के नियमन एवं विकास के लिए एक नया अधिनियम लाने की संभावनाओं पर विचार कर रही है.
  • यह एक वृहद अधिनियम होगा. होम्योपैथी को सक्षम बनाने के लिए आयुष मंत्रालय का प्रयास जारी रहेगा.
  • इस बिल के अनुसार यदि अध्यादेश से पूर्व,  पहले से चल रहा कोई होमियोपैथी मेडिकल कॉलेज अथवा कोई मेडिकल नए कोर्स शुरू करना चाहता है तो उसे केंद्र सरकार से एक वर्ष के भीतर अनुमति प्राप्त करनी होगी.
  • यदि एक साल के भीतर मेडिकल कॉलेज आवश्यक अनुमति नहीं लेता है तो उस कॉलेज द्वारा दी गयी डिग्री इत्यादि मान्य नहीं होगी.

 

संचालन मंडल में अधिकतम सदस्य:

संचालन मंडल में अधिकतम सात सदस्य होंगे तथा परिषद् के पुनर्गठन तक यह परिषद् की जिम्मेदारियाँ निभायेगा. केन्द्र सरकार द्वारा इनकी नियुक्ति की जाती है. सरकार द्वारा सदस्यों में से ही किसी एक को अध्यक्ष चुना जायेगा. नीति निर्णय के सम्बन्ध में केंद्र सरकार का फैसला ही अंतिम होगा.

 

अध्यादेश की जरूरत:

अध्यादेश की जरूरत इसलिए पड़ी कि कॉलेजों में दाखिले का समय आ गया था और उससे पहले कॉलेजों का निरीक्षण कर उन्हें अनुमति देनी जरूरी थी. अगले कुछ दिन में 50 प्रतिशत कॉलेजों में तथा दो महीने के सभी होम्योपैथी कॉलेजों में दाखिला शुरू हो जायेगा.

 

पृष्ठभूमि:

इस बिल के द्वारा केन्द्रीय होमियोपैथी परिषद् अधिनियम, 1973 का अधिक्रमण किया गया. यह अधिनियम मई, 2018 से लागू माना जायेगा. अधिक्रमण के एक वर्ष के भीतर केन्द्रीय परिषद् का पुनर्गठन किया जायेगा. अंतरिम समयकाल के लिए केन्द्रीय परिषद् की शक्तियों का उपयोग बोर्ड ऑफ़ गवर्नर्स द्वारा किया जायेगा.

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Jagran Josh
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Education Desk

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