फेसबुक की पेरेंट कंपनी मेटा ने कहा है कि उसका नया (Artificial Intelligence Supercomputer) अगले साल के मध्य तक दुनिया में सबसे तेज होगा. आपको बता दें कि पिछले 14 सालों से लगातार विवाद में रहने के बाद फेसबुक का नाम ‘मेटा’ कर दिया गया है.
फेसबुक सीईओ मार्के जुकरबर्ग के अनुसार, वह एक मेटावर्स का निर्माण कर रहे हैं जो कि एक अलग तरह की दुनिया है. मेटावर्स में लोग शारीरिक रूप से उपलब्ध ना होकर वर्चुअल रूप में मौजूद होंगे. कंपनी ने पिछले साल अपने नए नाम का घोषणा किया है. जुकरबर्ग की कंपनी मेटा ने अब दुनिया का सबसे तेज एआई (आर्टिफिशियल) सुपरकंप्यूटर पेश किया है.
सबसे तेज AI सुपर कंप्यूटर्स
कंपनी ने घोषणा किया है कि उन्होंने AI Research SuperCluster विकसित कर लिया है. मेटा का दावा है कि यह विश्व में मौजूद सबसे तेज AI सुपर कंप्यूटर्स में से एक है. कंपनी के अनुसार, पूरा तैयार हो जाने के बाद यह विश्व का सबसे फास्ट ऑपरेटिंग सुपर कंप्यूटर होगा, जो इस साल के मध्य तक तैयार हो सकता है.
मेटा के सुपरकंप्यूटर का इस्तेमाल
मेटा के इस पहले Supercomputer का इस्तेमाल कंटेंट मॉरेशन से लेकर मेटा बिजनेस तक में होगा. इसके अतिरिक्त इसका इस्तेमाल फेसबुक अपने प्लेटफॉर्म पर हेट स्पीच को रोकने में भी करेगा. रिसर्च सुपरक्लस्टर का इस्तेमाल आग्युमेंट रियलिटी में भी होगा.
रिसर्च सुपरक्लस्टर को लेकर जुकरबर्ग ने कहा है कि यह सेकेंडों में क्विंटल ऑपरेशन करने में सक्षम है. इस कंप्यूटर की सहायता से एक साथ करोड़ों यूजर्स रियल टाइम में अलग-अलग भाषा में बातें कर सकेंगे. यह कंप्यूटर टेक्स्ट, इमेज तथा वीडियो को एक साथ सटीक विश्लेषण कर सकेगा.
हानिकारक कंटेंट का पता लगाना
मेटा रिसर्चर्स का कहना है कि Research SuperCluster कई हजार प्रोसेसर से बना है, जो प्लेटफॉर्म पर मौजूद हानिकारक कंटेंट का पता लगाने में सहायता कर सकता है. मेटा सिक्योरिटी एवं प्राइवेसी की दिक्कतों को तेजी से निपटाना चाहता है.
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