नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने अंतर-राज्या पारेषण प्रणाली (आईएसटीएस) हेतु 1000 मेगावाट की पवन ऊर्जा परियोजनाएं लगाने की योजना के तहत पारदर्शी बोली प्रक्रिया हेतु दिशा-निर्देश जारी किए हैं.
इस दिशा-निर्देशों के अनुसार पवन ऊर्जा परियोजनाओं का चयन खुली एवं पारदर्शी बोली प्रक्रिया के तहत किया जाएगा और इसके बाद ई-रिवर्स नीलामी की जाएगी.
इससे संबंधित मुख्य तथ्य:
• यदि खरीदने वाले निकायों की ओर से मांग की जाती है, तो इसकी क्षमता को बढ़ाकर 1000 मेगावाट से ज्याीदा भी किया जा सकता है.
• क्रियान्वायनकारी एजेंसी एसईसीआई ने इस योजना के अनुसार बोली लगाने वालों के चयन के लिए आरएफएस दस्तावेज पहले ही जारी कर दिया है.
• गैर-हवादार राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की वितरण कंपनियों के साथ-साथ 10 मेगावाट या उससे ज्यादा बिजली खरीदने के इच्छुक किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के बल्क उपभोक्तागण भी इस योजना के तहत पवन ऊर्जा खरीद सकते हैं.
• इस योजना के अनुसार एसईसीआई द्वारा चयनित की गई व्यापारिक कंपनी पीटीसी इंडिया लिमिटेड बोली लगाई गई शुल्क दर पर पवन परियोजनाओं के साथ बिजली खरीद समझौते पर और इसके बाद चयनित की गई कुल बोलियों के संयोजन मूल्य पर खरीदारी करने वाले निकायों के साथ विद्युत बिक्री समझौते पर हस्ताक्षर करेगी.
• पीपीए और पीएसए की अवधि 25 वर्ष निर्धारित की गई हैं. बोली लगाने वाले 50 मेगावाट की न्यूनतम क्षमता और 250 मेगावाट तक की अधिकतम क्षमता के लिए बोली लगा सकते हैं.
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