छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ आदिवासी नेता और पूर्व सांसद नंद कुमार साय ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) के अध्यक्ष का पद भार संभाल लिया.
आदि वासी नेता 71 वर्षीय नंद कुमार साय ने रामेश्वर ओरांव का स्थान लिया. रामेश्वर ओरांव का कार्यकाल 31 अक्टूबर 2016 को समाप्त हो गया.
आदि वासी नेता नंद कुमार साय के अनुसार वह देश के दूर-दराज इलाकों में रहने वाले आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा करने का भरसक प्रयास करेंगे. देश में अधिकतर आदिवासीगण संविधान द्वारा उन्हें प्रदत्त अधिकारों से अब भी अनभिज्ञ हैं.
अनुसूचित जनजाति आयोग को देश में इस वर्ग हेतु सामाजिक-आर्थिक विकास का महत्वपूर्ण उपकरण बनाने के प्रयास किए जाएंगे. संविधान में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष को केंद्रीय मंत्री का दर्जा प्रदान किया गया है. अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष का कार्यकाल तीन वर्ष का होता है.
नंद कुमार साय का राजनीतिक कैरियर-
• आदिवासी नेता नंद कुमार साय 1977, 1985 और 1998 में मध्य प्रदेश से विधायक रहे.
• छत्तीसगढ़ के गठन के बाद 2000 में उन्होंने छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव जीता और नव गठित राज्य की विधानसभा में पहले नेता विपक्ष बने.
• इसके अतिरिक्त नंद कुमार साय 1989, 1996 और 2004 में लोक सभा सांसद तथा 2009 और 2010 में राज्य सभा सदस्य भी रहे.
• इसके अलावा नंद कुमार साय अविभाजित मध्यप्रदेश के भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ विधानसभा में विपक्ष के नेता तथा छत्तीसगढ़ भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष रहे.
• नंद कुमार साय लोकसभा और राज्यसभा की संसदीय समितियों में भी नामित किए गए.
नंद कुमार साय के बारे में -
• नंद कुमार साय का जन्म 1 जनवरी 1946 को मध्य प्रदेश में जशपुर जिले के छोटे से गाँव भगोरा में किसान परिवार में हुआ.
• उन्होंने तत्कालीन एनईएस कॉलेज रविशंकर विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में मास्टर डिग्री प्राप्त की.
• वह राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य है.
• वर्तमान में वह छत्तीसगढ़ राज्य से राज्यसभा के संसद सदस्य है.
• वर्ष 2000 से 2003 तक वह छत्तीसगढ़ विधानसभा में विपक्ष के नेता थे.
• नंद कुमार साय वर्ष 2004-2009 तक भारत की 14 वीं लोकसभा के सदस्य रहे उन्होंने छत्तीसगढ़ के सरगुजा लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया.
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