पहली बार INS Vikrant पर आयोजित की जा रही नौसेना कमांडरों की अहम बैठक, यहां देखें हाइलाइट्स
नौसेना कमांडरों के सम्मेलन-2023 का आयोजन पहली बार स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर आयोजित किया जा रहा है. इस आयोजन के पहले संस्करण के उद्घाटन सत्र को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने संबोंधित किया.

नौसेना कमांडरों के सम्मेलन-2023 का आयोजन पहली बार स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर आयोजित किया जा रहा है. इस आयोजन के पहले संस्करण के उद्घाटन सत्र को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने संबोंधित किया.
इस सम्मेलन में मुख्य फोकस पर युद्ध की तैयारी, रसद, प्रशिक्षण, मानव संसाधन विकास और प्रशिक्षण से संबंधित मुद्दे है. इस सम्मेलन में नौसेना प्रमुख एडमिरल एच हरि कुमार अन्य शीर्ष नौसेना कमांडरों के साथ बैठक करेंगे, साथ ही नौसेना की विगत गतिविधियों की समीक्षा करेंगे.
Addressed the Indian Navy Commanders’ Conference onboard @IN_R11Vikrant and reviewed their operational capabilities.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) March 6, 2023
The Indian Navy has strengthened India’s position as ‘Preferred Security Partner’ in the Indian Ocean Region. https://t.co/kq7Szc4M0Z pic.twitter.com/4ZZn6mJBQL
सम्मेलन के प्रमुख मुद्दे:
नौसेना प्रमुख एडमिरल एच हरि कुमार इस बैठक में अन्य शीर्ष नौसेना कमांडरों के साथ पिछले छः महीनों में हुए प्रमुख परिचालन, मानव संसाधन विकास, प्रशिक्षण सहित अन्य प्रशासनिक गतिविधियों की समीक्षा करेंगे.
इस बैठक में नौसेना के शीर्ष अधिकारी नौसेना की महत्वपूर्ण गतिविधियों योजनाओं और चल रही विभिन्न पहलों पर विचार-विमर्श करेंगे साथ ही इस बैठक में अग्निपथ योजना पर भी अपडेट दिया जायेगा.
अग्निवीरों का पहला बैच मार्च के अंत तक आईएनएस चिल्का में प्रशिक्षण पूरा कर लेगा, इसमें महिला अग्निवीरों का पहला बैच भी शामिल है.
यह एक ऐसा प्लेटफार्म है, जो चर्चा के अतिरिक्त एक संस्थागत मंच के रूप में भी कार्य करता है और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ बातचीत करने के लिए नौसेना कमांडरों के लिए एक मंच प्रदान करता है.
तीनों सेनाओं में बेहतर तालमेल पर होगी चर्चा:
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पहले दिन नौसेना कमांडरों की बैठक को संबोधित किया, पहले दिन की बैठक में समुद्र में परिचालन प्रदर्शन पर विस्तृत चर्चा की गयी.
रक्षा मंत्री ने दृढ़ता से खड़े होने और साहस और समर्पण के साथ राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने के लिए नौसेना की सराहना की. उन्होंने कहा कि उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं के साथ-साथ पूरे समुद्र तट पर निरंतर निगरानी रखी जानी चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि हमें भविष्य की सभी चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार रहने की जरूरत है.
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, भारतीय वायु सेना और भारतीय सेना के प्रमुख आगे आने वाले दिनों के सत्र में हिस्सा लेंगे और तीनों सेनाओं में बेहतर तालमेल और एक सामान्य परिचालन वातावरण बनाये जाने पर जोर दिया जायेगा. जिससे किसी आकस्मिक स्थित का बेहतर ढंग से सामना किया जा सके.
मौजूदा भूस्थैतिक स्थिति के तहत अहम है यह बैठक:
नौसेना की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि मौजूदा भूस्थैतिक स्थिति के कारण यह बैठक काफी अहम है, क्योंकि वैश्विक स्तर पर भूस्थैतिक परिवर्तन काफी तेजी से देखा जा रहा है. साथ ही भारत के समुद्री हितों की चुनौतियों का समाधान खोजने के लिए नौसेना की तत्परता पर भी विचार-विमर्श किया जायेगा.
आईएनएस विक्रांत के बारें में:
आईएनएस विक्रांत स्वदेशी रूप से निर्मित पहला विमानवाहक पोत है. इसका निर्माण केरल में कोचीन शिपयार्ड (CSL) द्वारा किया गया है.
आईएनएस विक्रांत 262 मीटर लंबा, 62 मीटर चौड़ा हिस्सा है. जहाज का आदर्श वाक्य जयमा सम युधि स्प्र्धा (Jayema Sam Yudhi Sprdhah) है जो ऋग्वेद से लिया गया है. यह विशाल जहाज चार जनरल इलेक्ट्रिक LM2500+ गैस टर्बाइनों द्वारा संचालित है, जो 80 मेगावाट (110,000 hp) से अधिक बिजली पैदा करता है.
होली के रंग नौसैनिकों के संग!
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) March 6, 2023
‘आईएनएस विक्रांत’ पर तैनात नौसैनिकों के साथ होली की ख़ुशियाँ साझा कीं। pic.twitter.com/zSJ28DgN2C
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