न्यूज़ीलैंड में वानगानोई नदी को इंसान का दर्जा मिला. न्यूज़ीलैंड की संसद में इस देश की वानगानोई नदी को एक इंसान के समान अधिकार दिए हैं.
न्यूज़ीलैंड की संसद ने 15 मार्च 2017 को एक विधेयक को मंज़ूरी दी जिसके मुताबिक वानगानोई नदी को औपचारिक रूप से एक जीवित इंसान के अधिकार दे दिए गए.
माओरी जाति के द्वारा पूजी जाने वाली वानगानोई नदी को इस देश की संसद ने सभी मानवीय अधिकारों वाले एक इंसान के रूप में स्वीकार किया है. विश्व में किसी भी नदी को इंसान मानने की यह पहली घटना है.
न्यूज़ीलैंड के अटार्नी जनरल क्रिस फ़िनलिसन ने इस बारे में कहा कि इस नदी को अपनी विशेष पहचान, संबंधित अधिकार तथा एक नागरिक जैसे दायित्व एवं ज़िम्मेदारियां प्रदान की गई हैं.
हालांकि न्यूज़ीलैंड के इस क़ानून का मतलब यह है कि दो वकील क़ानूनी मामलों में इस नदी के हितों का रक्षा कर सकते हैं. इनमें से एक वकील का निर्धारण सरकार की ओर से होगा तथा दूसरे का निर्धारण माओरी जाति के लोग करेंगे.
नदी के लिए नागरिक जैसे शब्द का इस्तेमाल अभूतपूर्व है. यह न्यूज़ीलैंड की तीसरी सबसे बड़ी नदी है तथा माओरी जाति के समूह इसे पूज्य मानते हैं.
न्यूज़ीलैंड की संसद ने वानगानोई नदी को ऐसी परिस्तिथि में एक इंसान के अधिकार प्रदान किए हैं जब विश्व के विभिन्न देशों विशेष कर पश्चिमी और अरब देशों में लाखों-करोड़ों लोगों के अधिकारों का हनन किया जाता है.
माओरी समुदाय बीते करीब 160 से अधिक वर्ष से अपनी इस नदी को मान्यता दिलाने के लिए संघर्ष कर रहा था.
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