भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से बिहार से गुजरते हुए, पश्चिम बंगाल में सिलीगुड़ी तक एक और एक्सप्रेसवे के निर्माण का प्रस्ताव रखा है. आर्थिक रूप से पिछड़े इस राज्य बिहार को एक और एक्सप्रेसवे की सौगात मिलने जा रही है. दरअसल गोरखपुर से सिलीगुड़ी जाने वाले एक्प्रेस-वे का रूट बिहार के 10 जिलों में निर्धारित किया गया है.
गोरखपुर- सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे सबसे पहले गोपालगंज में प्रवेश करेगा, इसके बाद सीवान, छपरा, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, सहरसा, पूर्णिया, किशनगंज होते हुए सिलीगुड़ी जाएगा. यह न सिर्फ बिहार को यूपी और बंगाल के बीच न केवल आवागमन आसान करेगा बल्कि व्यापार के नए रास्ते भी इससे खुलेंगे.
प्रमुख बिंदु
- बिहार सरकार द्वारा ग्रीनफील्ड एलाइनमेंट को मंजूरी मिलने के बाद NHAI विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करेगा.
- NHAI ने गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे के संरेखण का हिस्सा सड़क निर्माण विभाग (RCD) को सौंप दिया था ताकि नवंबर में ही इस बारे में चर्चा करने के बाद, इस प्रस्ताव का अनुमोदन किया जा सके.
- इस गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई में से, फोर/ सिक्स-लेन कॉन्फिगरेशन के एक्सप्रेसवे का 450 किमी हिस्सा बिहार से होकर गुजरेगा.
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- यह प्रस्तावित हाईवे भी भारतमाला प्रोजेक्ट का एक हिस्सा है.
- इस परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 6000 करोड़ रुपये होगी.
गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे परियोजना का महत्व
इस परियोजना से बिहार के लोगों को लाभ होगा. यह नया एक्सप्रेसवे बिहार में पूर्व से पश्चिम भाग तक वाहनों के आवागमन को आसान बनाएगा.
गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे में शामिल होंगे बिहार के ये जिले
यह नया प्रस्तावित एक्सप्रेसवे गोपालगंज से बिहार में प्रवेश करेगा और इसका अंतिम छोर किशनगंज में होगा. यह एक्सप्रेसवे इसी क्रम में सीवान, छपरा, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, सहरसा और पूर्णिया को पार करेगा.
भारतमाला परियोजना
भारतमाला परियोजना एक केंद्र प्रायोजित और वित्त पोषित सड़क और राजमार्ग परियोजना है. यह परियोजना महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा में सड़कों और राजमार्गों का निर्माण करेगी. इसके बाद यह जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड को कवर करते हुए पूरे हिमालयी क्षेत्रों को कवर करेगी. यह तराई के साथ उत्तर प्रदेश और बिहार की ओर भी बढ़ेगी और पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, अरुणाचल प्रदेश में राजमार्गों का निर्माण करेगी, जो मणिपुर और मिजोरम में भारत-म्यांमार सीमा तक पहुंचेगी. यह परियोजना भारत के विभिन्न राज्यों में स्थित 550 जिला मुख्यालयों को आपस में जोड़ेगी.
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