निपाह वायरस के बारे में संपूर्ण जानकारी

May 23, 2018, 09:30 IST

निपाह वायरस एक ऐसा इंफेक्शन है जो फल खाने वाले चमगादड़ों द्वारा मनष्यों को अपना शिकार बनाता है. यह इंफेक्शन सबसे पहले सुअरों में देखा गया लेकिन बाद में यह वायरस इंसानों तक भी पहुंच गया.

Nipah Virus Outbreak
Nipah Virus Outbreak

हाल ही में केरल राज्य स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में निपाह वायरस (NiV) के फैलने की पुष्टि की है. डॉक्टरों की टीम द्वारा पीड़ित व्यक्तियों के रक्त तथा शारीरिक तरल द्वारा किये गये परीक्षण से इस वायरस की पुष्टि हुई है. निपाह वायरस को केरल के कोझिकोड़ जिले में दर्ज किया गया जहां दोनों पीड़ितों की मृत्यु हो गई.

मीडिया द्वारा प्रकाशित जानकारी के अनुसार अब तक राज्य में कुल 6 लोगों की निपाह वायरस से मृत्यु हो चुकी है जबकि कुछ अन्य लोग अस्पतालों में भर्ती हैं लेकिन उनके इस वायरस से पीड़ित होने की पुष्टि नहीं की गई है.

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम नई दिल्ली से केरल भेजी है. जे पी नड्डा ने नेशनल सेंटर ऑफ डिजीज कंट्रोल के निदेशक को निर्देश दिया कि वे प्रभावित जिलों का दौरा कर आवश्यक कदम उठायें.

निपाह वायरस (NiV) क्या है?

यह एक ऐसा इंफेक्शन है जो फल खाने वाले चमगादड़ों द्वारा मनष्यों को अपना शिकार बनाता है. यह इंफेक्शन सबसे पहले सुअरों में देखा गया लेकिन बाद में यह वायरस इंसानों तक भी पहुंच गया. वर्ष 2004 में बांग्लादेश में इंसानों पर निपाह वायरस ने हमला करना शुरू किया था. निपाह वायरस चमगादड़ों द्वारा किसी फल को खाने तथा उसी फल को मनुष्य द्वारा खाए जाने पर फैलता है. इसमें अधिकतर खजूर एवं ताड़ी शामिल है.

निपाह वायरस कैसे फैलता है?

•    विशेषज्ञों के अनुसार यह वायरस चमगादड़ से फैलता है. इन्हें फ्रूट बैट भी कहते हैं.

•    जब यह चमगादड़ किसी फल को खा लेते हैं और उसी फल या सब्जी को कोई इंसान या जानवर खाता है तो संक्रमित हो जाता है.

•    निपाह वायरस इंसानों के अलावा जानवरों को भी प्रभावित करता है.

•    अब तक इसकी कोई वैक्सीन तैयार नहीं हो पाई है.

•    इससे संक्रमित व्यक्ति का डेथ रेट 74.5 प्रतिशत होता है.

•    पहली बार इस वायरस पता डॉ. कॉ बिंग चुआ ने 1998 में लगाया था. उस दौरान डॉ. बिंग मलेशिया की यूनिवर्सिटी ऑफ़ मलाया से स्नातक कर रहे थे.

निपाह वायरस नाम कैसे पड़ा?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार वर्ष 1998 में मलेशिया में पहली बार निपाह वायरस का पता लगाया गया था. मलेशिया के सुंगई निपाह गांव के लोग सबसे पहले इस वायरस से संक्रमित हुए थे. इस गांव के नाम पर ही इसका नाम निपाह पड़ा. उस दौरान ऐसे किसान इससे संक्रमित हुए थे जो सुअर पालन करते थे.

 

NiV outbreak

 

डब्ल्यूएचओ रिपोर्ट

निपाह वायरस जानवरों और इंसानों में पाया जाने वाला एक नया तथा गंभीर इंफेक्शन है. डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार निपाह वायरस का जन्म टेरोपस जीनस नामक एक खास नस्ल के चमगादड़ से हुआ है. पहले इसके लक्षण सूअरों में देखने को मिले थे, वर्ष 2004 में इंसानो में भी इसके लक्षण पाए गए.

निपाह वायरस के लक्षण

मनुष्यों में निपाह संक्रमण एन्सेफलाइटिस से जुड़ा हुआ है. इसमें मस्तिष्क की सूजन, बुखार, सिरदर्द, उनींदापन, विचलन, मानसिक भ्रम, कोमा जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं. इनसे रोगी की मौत भी होने का खतरा बना रहता है. निपाह वायरस के रोगी 24-48 घंटों के भीतर कोमा में जा सकता है अथवा उसकी मृत्यु हो सकती है.

 

 

Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
... Read More

यूपीएससी, एसएससी, बैंकिंग, रेलवे, डिफेन्स और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नवीनतम दैनिक, साप्ताहिक और मासिक करेंट अफेयर्स और अपडेटेड जीके हिंदी में यहां देख और पढ़ सकते है! जागरण जोश करेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें!

एग्जाम की तैयारी के लिए ऐप पर वीकली टेस्ट लें और दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा करें। डाउनलोड करें करेंट अफेयर्स ऐप

AndroidIOS

Trending

Latest Education News