हाल ही में, यू.पी.आई. पेमेंट पर पर शुल्क वसूलने की खबरों का सरकार ने खंडन किया है और साथ ही यह स्पष्ट किया है कि UPI ट्रांजेक्शन या पेमेंट पर किसी भी प्रकार का कोई शुल्क लगाने की कोई योजना नहीं है।
मंत्रालय ने कहा है कि सेवा प्रदाताओं की लागत से जुड़ी चिंताओं का हल दूसरें तरीकों से निकाला जायेगा, गौरतलब है कि सरकार ने पिछले वर्ष डिजिटल भुगतान व्यवस्था के लिये वित्तीय सहयोग उपलब्ध कराया था, जिससे इसके उपयोग को और बढ़ावा मिले।
वित्त मंत्रालय ने जारी किया स्पष्टीकरण
वित्त मंत्रालय ने उन खबरों को देखते हुए स्पष्टीकरण दिया है जिनमें यूपीआई पर शुल्क लगाने की संभावना व्यक्त की गई है।
वित्त मंत्रालय ने कई ट्वीट संदेश में कहा कि यूपीआई आम लोगों के लिये सुविधाजनक और अर्थव्यवस्था में उत्पादकता की दृष्टि से लाभकारी जनहित डिजिटल सेवा है। जिसकी मदद से कैशलेस सुविधा को बढ़ावा मिल रहा है जो आमजन को पेमेंट से जुड़ी दिक्कतों में मदद भी कर रहा है।
UPI भुगतान को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा उठाये गए कदम
- 1500 करोड़ की आर्थिक मदद: पिछले वर्ष सरकार ने डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम पर सेवा प्रदाताओं द्वारा हुए ब्यय को देखते हुए 1500 करोड़ की आर्थिक मदद प्रदान की थी.
- सरकार ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि पिछलें वर्ष की तरह इस वित्तीय वर्ष 2022-23 में भी डिजिटल भुगतान व्यवस्था के लिये वित्तीय सहयोग प्रदान किया जायेगा।
- सरकार ने रुपे डेबिट कार्ड और यूपीआई लेनदेन के लिए शुल्क की प्रतिपूर्ति के लिए 200 करोड़ रुपये आवंटित किए थे।
RBI ने UPI भुगतान शुल्क का प्रस्ताव क्यों दिया है?
- 17 अगस्त 2022 को, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने आमजन के फीडबैक के लिए "भुगतान प्रणालियों में प्रभार" पर एक चर्चा पत्र जारी किया है। इसमें पूछे गए प्रश्नों के संबंध में फीडबैक या सुझाव ईमेल के माध्यम से 3 अक्तूबर 2022 को या उससे पूर्व भेजा जा सकता है, और इसका उपयोग कार्यनीतियों को निर्देशित करने के लिए किया जाएगा।
- भुगतान प्रणाली में आरबीआई की पहल का फोकस प्रणालीगत, प्रक्रियात्मक या राजस्व संबंधी मुद्दों से उत्पन्न होने वाली समस्याओं को कम करना है।
- इस चर्चा पत्र में भुगतान प्रणाली, तत्काल भुगतान सेवा (IMPS), राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक निधि अंतरण (NEFT) प्रणाली, तत्काल सकल निपटान (RTGS) प्रणाली और एकीकृत भुगतान इंटरफेस (UPI) और अन्य भुगतान साधन जैसे डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड आदि में प्रभार से संबंधित सभी पहलुओं को शामिल किया गया है।
एमडीआर (MDR) क्या है?
एमडीआर, या मर्चेंट डिस्काउंट रेट, यूपीआई लेनदेन पर भुगतान सेवा प्रदाताओं की लंबे समय से मांग रही है। डिजिटल खुदरा भुगतान के अधिकांश अन्य तरीकों में लेनदेन पर शुल्क लगता है। वर्तमान में, सरकार ने 1 जनवरी, 2020 से UPI लेनदेन के लिए "शून्य-शुल्क ढांचा" अनिवार्य कर दिया है।
UPI के बारे में:
UPI एक रियल टाइम भुगतान प्रणाली है जो दो बैंक खातों के बीच पैसों के त्वरित हस्तांतरण को पूर्ण करता है। इसमें एकल मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से धन का हस्तांतरण किया जाता है।
UPI का विचार भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा विकसित किया गया था और इसे भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और IBA (इंडियन बैंक एसोसिएशन) द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
UPI की विशेषताएं:
- इनके मदद से फंड ट्रांसफर एनईएफटी (NEFT) से तेज होता है।
- UPI सार्वजनिक छुट्टियों सहित 24X7 के लिए उपलब्ध होता है
- प्रत्येक बैंक Android, IOS जैसे विभिन्न मोबाइल प्लेटफॉर्म के लिए अपना स्वयं का UPI प्रदान करता है।
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