International Nurses Day 2022: विश्वभर में प्रत्येक साल 12 मई को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जाता है. नर्स दिवस विश्वभर में नर्सों के योगदान के सम्मान एवं जश्न मनाने के लिए एक खास दिन है. यह दिवस नर्सेस के योगदान को याद करने एवं उनके प्रति सम्मान प्रकट करने हेतु मनाया जाता है.
बीमारों के इलाज में डॉक्टरों के साथ पूरा सहायता करने वाली नर्सों की कोविड-19 से पीड़ित लोगों के इलाज में भी महत्वपूर्ण भूमिका है. नर्सों के साहस एवं उनके सराहनीय योगदान, कार्यों के लिए सम्मान जताने हेतु ये दिवस मनाया जाता है.
अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस 2022 की थीम
इस बार अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस 2022 की थीम ‘नर्सेस : ए वॉयस टू लीड- इन्वेस्ट इन नर्सिंग एंड रिस्पेक्ट राइट्स टू सिक्योर ग्लोबल हेल्थ’ है. इसका मतलब ‘नर्सेस: नेतृत्व हेतु एक आवाज– नर्सिंग में निवेश करें एवं ग्लोबल स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के अधिकारों का सम्मान करें.’
On #InternationalNursesDay, we express our gratitude to hardworking nursing staff for serving humankind with utmost dedication during the ongoing #COVID19 pandemic.
— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) May 12, 2022
Their tireless efforts are saving precious lives, strengthening our medical system & ensuring well-being of all. pic.twitter.com/0T0vAjAME4
यह दिवस क्यों मनाया जाता है?
यह दिवस मरीजों के प्रति उनकी सेवा, साहस एवं उनके सराहनीय कार्यों हेतु हर साल मनाया जाता है.
अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस का महत्व
डॉक्टर का काम किसी सेहत संबंधी समस्या को सही करने में महत्वपूर्ण होता ही है लेकिन उससे ज्यादा नर्स की भूमिका होती है. बता दें नर्स ही होती है जिसके ऊपर मरीज के देखरेख की पूरी जिम्मेदार होती है. यह दिन इस वजह से भी बहुत महत्व रखता है.
अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस का इतिहास
प्रत्येक साल अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाने का कारण यही है कि 12 मई को फेलोरिंस नाइटिंगेल का जन्म हुआ था. वे आधुनिक नर्सिंग की संस्थापक मानी जाती हैं. इनके जन्म दिवस के अवसर पर इस दिवस को मनाने का फैसला लिया गया था. वहीं साल 1974 में अंतरराष्ट्रीय नर्स परिषद द्वारा अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाने की घोषणा की गई. इस दौरान अंतरराष्ट्रीय नर्स परिषद द्वारा नर्सों को किट भी बांटी जाती है इसमें उनके काम आने वाली सामग्री होती है.
जानें कौन हैं फ्लोरेंस नाइटिंगेल?
12 मई 1820 को फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जन्म हुआ था. उन्होंने जिंदगी भर बीमार एवं रोगियों की सेवा की. उनका स्वयं का बचपन बीमारी एवं शारीरिक कमजोरी में बीता था. बता दें उन दिनों हाथों में लालटेन लेकर अस्पताल में स्वास्थ्य गतिविधियां की जाती थीं. उनको अपने मरीजों की हमेशा फिक्र रहती थी. फ्लोरेंस उनकी देखभाल के लिए रात में भी अस्पताल में घूम कर चेक करती कि किसी मरीज को कोई जरूरत तो नहीं है. वे गरीब, बीमार और दुखियों के लिए काम करती थीं.
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