पाकिस्तान ने 29 मार्च 2018 को स्वदेश निर्मित सबमरीन से लॉन्च होने वाले क्रूज मिसाइल 'बाबर' का सफल परीक्षण किया. इस मिसाइल की मारक क्षमता 450 किलोमीटर तक है.
स्वदेशीकरण और आत्मनिर्भरता के माध्यम से विश्वसनीय नीति को मजबूत करने की दिशा में पाकिस्तान की तरफ से यह एक ऐतिहासिक कदम के रुप में देखा जा रहा है.
इस मिसाइल को पानी के नीचे स्थित डायनेमिक प्लेटफॉर्म से छोड़ा गया था. इस मिसाइल ने तय दूरी पर सटीकता के साथ लक्ष्य को भेदने में कामयाबी हासिल की.
परीक्षण स्थल पर डीजी स्ट्रैटेजिक प्लान डिवीजन (एसपीडी), अध्यक्ष एनईएससीओएम (नेसकोम), कमांडर नेवल स्ट्रेटेजिक फोर्स कमांड (एनएसएफसी), वरिष्ठ अधिकारी, वैज्ञानिक और रणनीतिक वैज्ञानिक संगठनों के इंजीनियर भी उपस्थित थे.
परमाणु क्रूज मिसाइल 'बाबर' का खासियत:
• पनडुब्बी क्रूज मिसाइल (एसएलसीएम) बाबर विभिन्न प्रकार के पेलोड अपने साथ ले जाने में सक्षम है.
• इसके अलावा पानी के नीचे नियंत्रित प्रणोदन, उन्नत मार्गदर्शन और नेविगेशन के लिए भी सक्षम है.
• यह पाकिस्तान को दूसरी विश्वसनीय प्रक्षेपण क्षमता प्रदान करता है.
• इतना ही नहीं यह मिसाइल एडवांस्ड गाइडेंस और नेविगेशन फीचर से भी लैस है.
• इस क्षमता का विकास भी परमाणु पनडुब्बियों और जहाज परमाणु मिसाइलों के माध्यम से पड़ोसी इलाकों में उत्तेजक परमाणु रणनीतियों के लिए पाकिस्तान की प्रतिक्रिया को दर्शाता है.
• यह मिसाइल दुश्मन के हवाई सुरक्षा साधनों के भीतर प्रवेश करने और रडार से बचने के लिए बनायीं गयी है.
पृष्ठभूमि:
यह पूरी तरह स्वदेशी तकनीक पर आधारित ‘बाबर-3’ मिसाइल का दूसरा परीक्षण है और इसका पहला परीक्षण जनवरी 2017 में किया था. बाबर-3 इससे पहले विकसित की गई बाबर-2 मिसाइल का ही नौसेना रूप है. बाबर-2 का परीक्षण वर्ष 2016 में जमीन से किया गया था.
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