भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने 06 फरवरी 2018 को कहा कि प्लास्टिक या पीवीसी स्मार्ट कार्ड लगातार उपयोग करने लायक नहीं है, क्योंकि दुकानों और विक्रय केन्द्रों पर क्यूआर कोड की अनाधिकृत छपाई से यह बेकार हो जाता है.
इसके अतिरिक्त आधार कार्ड में दिए गए ब्यौरे (व्यक्तिगत संवेदनशील जन सांख्यिकीय सूचनाएं) के दुरुपयोग की संभावना रहती है.
यूआईडीएआई द्वारा दिए गए दिशानिर्देश:
- यूआईडीएआई ने कहा है कि आधार पत्र या आधार पत्र का कटा हिस्सा या आधार की डाउनलोड की गई प्रतिलिपि या एम-आधार पूरी तरह से वैध है.
- लोगों को आधार स्मार्ट कार्ड प्राप्त करने का इच्छुक नहीं होना चाहिए, क्योंकि कुछ अवांछित तत्व प्लास्टिक या पीवीसी आधार कार्ड दे रहे हैं और इसके बदले 50 से 300 रुपये तक वसूल रहे हैं.
- यदि किसी व्यक्ति के पास कागज का आधार कार्ड है तो उसे पैसे खर्च करके आधार कार्ड को लेमिनेट करने या प्लास्टिक आधार कार्ड प्राप्त करने या स्मार्ट आधार कार्ड प्राप्त करने की कोई आवश्यकता नहीं है.
- यदि कोई व्यक्ति अपना आधार कार्ड खो देता है, तो वह वेबसाइट https://eaadhaar.uidai.gov.in से आधार कार्ड नि:शुल्क डाउनलोड कर सकता है.
- डाउनलोड किया गया आधार कार्ड (श्वेत-श्याम रूप में भी) भी उतना ही वैध है, जितना यूआईडीएआई द्वारा भेजा गया मूल आधार पत्र.
यूआईडीएआई ने अनाधिकृत एजेंसियों को चेतावनी देते हुए कहा है कि वे आधार कार्ड बनाने के लिए आम लोगों से आधार की जानकारियां इकट्ठा न करें, क्योंकि इस तरह की जानकारियां इकट्ठा करना तथा अनाधिकृत रूप से आधार कार्ड की छपाई करना भारतीय दंड संहिता और आधार अधिनियम 2016 के अंतर्गत दंडनीय अपराध है.
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