बांग्लादेश के ढाका और पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी को आपस में जोड़ने वाली एक नयी यात्री ट्रेन का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी बांग्लादेशी समकक्ष शेख हसीना ने 27 मार्च 2021 को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से उद्घाटन किया. प्रधानमंत्री मोदी की बांग्लादेश की यात्रा के दौरान मिताली एक्सप्रेस चलाने की घोषणा की गई है.
यह दोनों पड़ोसी देशों के बीच मैत्री एक्सप्रेस (ढाका-कोलकाता) और बंधन एक्सप्रेस (खुलना-कोलकाता) के बाद तीसरी यात्री ट्रेन है. यह ट्रेन सीमा पर बांग्लादेश में चिलहाटी स्टेशन के रास्ते ढाका छावनी और न्यू जलपाईगुड़ी के बीच चलेगी.
Relationship going from strength to strength!
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) March 27, 2021
Prime Minister @narendramodi and Prime Minister Sheikh Hasina discussed the progress achieved in areas of health, trade, connectivity, energy, developmental cooperation and many more. pic.twitter.com/3J1QjnKEcu
453 किलोमीटर की दूरी
ढाका और चिलहाटी के बीच 453 किलोमीटर की दूरी है और चिलहाटी एवं न्यू जलपाईगुड़ी के बीच 71 किलोमीटर का फासला है. विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला ने संवाददाताओं कहा कि जब स्थिति सामान्य हो जाएगी तब यह ट्रेन चलने लगेगी. फिलहाल दोनों देशो ने कोविड-19 महामारी के चलते रेलवे सेवाएं निलंबित कर रखी हैं.
विकास साझेदारी को मजबूती मिलेगी
प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर बताया की भारत और बांग्लादेश ने आपदा प्रबंधन, खेल एवं युवा मामलों, व्यापार और तकनीक जैसे प्रमुख क्षेत्रों में एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं. इससे हमारी विकास साझेदारी को मजबूती मिलेगी और हमारे देशों के लोगों खासकर युवाओं को फायदा होगा.
कई परियोजनाओं का उद्घाटन
दोनों नेताओं ने वर्चुअली कई परियोजनाओं का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया. इनमें भारत-बांग्लादेश सीमाओं पर तीन नई सीमाई हाट और ढाका-न्यू जलपाईगुड़ी के बीच नई यात्री ट्रेन मिताली एक्सप्रेस शामिल हैं.
द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा
भारत और बांग्लादेश ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए नान-टैरिफ बैरियर को हटाने की जरूरत पर बल दिया. दोनों पड़ोसी देशों ने ऊर्जा और संपर्क के क्षेत्र में व्यापक सहयोग पर सहमति व्यक्त की और व्यापक आर्थिक साझीदारी समझौते (सीईपीए) का अध्ययन जल्द से जल्द खत्म करने पर रजामंदी जताई. इसके अतिरिक्त भारत बांग्लादेश के रूपपुर परमाणु ऊर्जा संयंत्र के लिए ट्रांसमिशन लाइनों के विकास में भी शामिल होगा.
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