New Ensign of indian navy: भारतीय नौसेना के ध्वज को अब नए रूप में देखा जायेगा. नौसेना इसे बदलने की पूरी तैयारी कर ली है. प्रधानमंत्री मंत्री नरेंद्र मोदी नए ensign (निशान) का अनावरण 2 सितंबर को कोच्चि में करेंगे. नौसेना के वर्तमान ध्वज पर सेंट जॉर्ज क्रॉस की पुरानी धारणा को बदलने की पूरी तैयारी कर ली गयी है. साथ ही प्रधानमंत्री मोदी कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत को नौसेना को समर्पित करेंगे.
BIG: On Sept 2, PM @NarendraModi to unveil the @IndianNavy’s new ensign, which will shed the red ‘Cross of St George’, a relic of India’s colonial past. Apart from a brief period between 2001-04, the colonial cross has been a fixture in the naval ensign. pic.twitter.com/jqLRdN7ehE
— Shiv Aroor (@ShivAroor) August 30, 2022
क्यों बदला जा रहा नौसेना का निशान?
भारतीय नौसेना ध्वज के औपनिवेशिक अतीत को बदलने की तैयारी में है. कोच्चि में प्रधानमंत्री जिस नए नौसेना ध्वज का अनावरण करेंगे, वह कैंटन (झंडे के ऊपरी बाएं कोने) में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के साथ लगे सेंट जॉर्ज क्रॉस का स्थान लेगा. वर्तमान ध्वज निशान औपनिवेशिक अतीत को दर्शाता था, जो भारतीय नौसेना के पूर्व-स्वतंत्रता ध्वज की अवधारणा से प्रेरित था. पुराने ध्वज के ऊपरी बाएं कोने पर यूनाइटेड किंगडम के यूनियन जैक के साथ सफेद आधार पर लाल जॉर्ज क्रॉस था, जिसे अब बदला जा रहा है. नए ध्वज के डिजाइन को अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है.
स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारतीय रक्षा बलों ने ब्रिटिश औपनिवेशिक झंडे और बैज का ही उपयोग कर रहा था. जिसमे 26 जनवरी, 1950 को केवल भारतीयकृत पैटर्न में बदलाव किया गया था साथ ही नौसेना के शिखा (crest) और ध्वज को बदल दिया गया था. लेकिन ध्वज में एकमात्र अंतर यह था कि यूनियन जैक को तिरंगे से बदल दिया गया था, और जॉर्ज क्रॉस को बरकरार रखा गया था. लेकिन अब इसे भी बदलने की तैयारी हो गयी है.
नौसेना ध्वज के बारे में:
आमतौर पर नौसेना ध्वज एक समुद्री ध्वज है जिसका उपयोग विभिन्न देशों के नौसैनिक जहाजों द्वारा अपनी राष्ट्रीयता को दर्शाने के लिए करती है. नौसेना का ध्वज उस देश के राष्ट्रीय ध्वज के समान हो सकता है जिसका वे प्रतिनिधित्व करते हैं या यह उससे भिन्न भी हो सकता है. भारत के सन्दर्भ में, भारतीय नौसेना द्वारा उपयोग किया जाने वाला नौसेना का ध्वज राष्ट्रीय ध्वज से अलग है.
क्या यह बदलाव पहली बार किया जा रहा है?
नौसेना के ध्वज के निशान में बदलाव की मांग लंबे समय से लंबित थी. इससे सबसे पहले वर्ष 2001 में नौसेना के ध्वज में बदलाव किया गया था. उस समय जॉर्ज क्रॉस को सफेद झंडे के बीच में नौसेना शिखा को अंकित किया गया था, जबकि तिरंगे को ऊपरी बाएं कोने में बरकरार रखा गया था.नौसेना ध्वज में बदलाव के लिए मुख्य सुझाव वाइस एडमिरल वीईसी बारबोजा (VEC Barboza) से आया था, जो नौसेना से फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ पश्चिमी नौसेना कमान के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे.
वर्ष 2004 में भी किया गया था बदलाव:
वर्ष 2004 में, ध्वज को फिर से रेड जॉर्ज क्रॉस के साथ बदल दिया गया था, क्योंकि ऐसा कहा जा रहा था कि नया ध्वज निशान, आसमान के नीले रंग और समुद्र के रंग में विलीन प्रतीत होता था. साथ ही एक और परिवर्तन के तौर पर लाल जॉर्ज क्रॉस के बीच में में राष्ट्रीय प्रतीक अशोक को स्थान दिया गया था. वर्ष 2014 में, देवनागरी लिपि में अशोक चिन्ह के नीचे ध्वज पर 'सत्यमेव जयते' शब्द को अंकित किया गया था.
सेंट जॉर्ज क्रॉस क्या है?
सफेद रंग के पृष्ठभूमि पर लाल क्रॉस को सेंट जॉर्ज क्रॉस के रूप में जाना जाता है और इसका नाम एक ईसाई संत के नाम पर रखा गया है, जिसके बारे में माना जाता है कि वह तीसरे धर्मयुद्ध के एक योद्धा थे. यह क्रॉस इंग्लैंड के ध्वज पर भी अंकित है, जो यूनाइटेड किंगडम का एक घटक है. 1190 में इंग्लैंड और लंदन शहर द्वारा भूमध्य सागर में प्रवेश करने वाले अंग्रेजी जहाजों की पहचान के लिए इसका प्रयोग किया जाता था.
राष्ट्रमंडल के कई देश रेड जॉर्ज क्रॉस को बदल चुके है:
अधिकांश राष्ट्रमंडल देशों ने अपनी स्वतंत्रता के समय रेड जॉर्ज क्रॉस को बरकरार रखा था, लेकिन कई ने वर्षों पहले अपनी नौसेना से इसे हटा दिया था. ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और कनाडा जैसे राष्ट्रमंडल देश ऐसा कर चुके है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation