उत्तराखंड के नए सीएम के रूप में खटीमा सीट के युवा विधायक पुष्कर सिंह धामी ने शपथ ली. राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. वे उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री बनें. इसके साथ ही धामी कैबिनेट के सभी 11 मंत्रियों को भी सीएम के साथ शपथ दिलाई गई.
पुष्कर सिंह धामी के अलावा बीजेपी के सीनियर नेता सतपाल महाराज, हरक सिंह रावत, बंशीधर भगत, यशपाल आर्य, बिशन सिंह चुफाल, सुबोध उनियाल, अरविंद पांडेय, गणेश जोशी, धन सिंह रावत, रेखा आर्य और यतीश्वरानंद ने मंत्री पद की शपथ ली.
04 जुलाई 2021 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और मंत्रियों के शपथ लेने के बाद कुछ ही घंटों में सचिवालय में पहली कैबिनेट बैठक हुई. जिसमें कई महत्वपूर्ण फैसलों पर निर्णय लेकर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बेरोजगारों व प्रदेश के विकास को लेकर अपनी मंशा साफ कर दी.
देहरादून में 03 जुलाई को हुई बीजेपी विधायक दल की बैठक में धामी के नाम पर मुहर लगी. मुख्यमंत्री का नाम फाइनल होने के बाद पुष्कर सिंह धामी राजभवन पहुंचे और उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य के सामने सरकार बनाने का दावा पेश किया.
इस दौरान उनके साथ कई विधायक भी मौजूद रहे. पुष्कर सिंह राज्य के 11वें मुख्यमंत्री होंगे. पुष्कर सिंह धामी खटीमा से दो बार विधायक रह चुके हैं. हालांकि वे कभी मुख्यमंत्री नहीं बने. शपथ लेने के बाद वे राज्य के सबसे युवा सीएम बन जाएंगे. चार महीने में राज्य को तीसरा मुख्यमंत्री मिलेगा. 2022 में होनेवाले विधानसभा चुनावों पर उन्होंने कहा कि सभी के सहयोग से वह न केवल हर चुनौती को पार करेंगे.
पुष्कर सिंह धामी ने क्या कहा?
उत्तराखंड भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद पुष्कर सिंह धामी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि राष्ट्रीय नेतृत्व ने बड़ी जिम्मेदारी है. पार्टी ने जो जिम्मेदारी दी है उसे निभाऊंगा. धामी ने कहा कि चुनाव की चुनौती को स्वीकार करता हूं. सबके साथ मिलकार काम करूंगा. धामी ने आगे कहा कि मेरी पार्टी ने एक सामान्य से कार्यकर्ता को सेवा का अवसर दिया है. जनता के मुद्दों पर हम सबका सहयोग लेकर काम करेंगे.
पुष्कर सिंह धामी: एक नजर में
पुष्कर सिंह धामी का जन्म 16 सितंबर 1975 को पिथौरागढ़ के टुंडी गांव में हुआ है. उन्होंने प्राथमिक शिक्षा सरकारी स्कूलों से ली है.
उन्होंने मानव संसाधन प्रबंधन और औद्योगिक मास्टर डिग्री ली है. वह 1990 से 1999 तक एबीवीपी में अलग-अलग पदों पर काम कर चुके हैं.
वे 2002 से 2008 तक युवा मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष भी रहे हैं. 2012 में पहली बार विधायक चुने गये थे. वे राजपूत समुदाय से आते हैं.
वे पिथौरागढ़ के सीमांत क्षेत्र कनालीछीना में एक पूर्व सैनिक के घर में पैदा हुए, लेकिन खटीमा उनकी कर्मभूमि है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation