भारतीय रेलवे ने जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में चेनाब नदी पर दुनिया के सबसे ऊंचे पुल का पहला आर्च स्थापित कर दिया. इस मेहराब से कश्मीर घाटी से सीधा संपर्क किय जा सकेगा. यह अनूठा पुल निर्माण इंजीनियरिंग का बेजोड़ नमूना होगा और विश्व में अनोखा रिकॉर्ड स्थापित करेगा.
प्रमुख तथ्य-
• यह पुल चेनाब नदी से 359 मीटर की ऊंचाई पर होगा और पेरिस के एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊंचा होगा और कुतुब मीनार से 5 गुना ऊंचा होगा.
• कटरा और बनिहाल के बीच 111 किलोमीटर की दूरी को पाटने में महत्वपूर्ण संपर्क स्थापित करेगा.
• यह कश्मीर रेलवे परियोजना के उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला खंड का हिस्सा है.
• इस पुल के माध्यम से बारामूला से जम्मू तक का रास्ता लगभग साढ़े छह घंटे में तय किया जा सकेगा. वर्तमान में यह रास्ता तय करने में दोगुना समय (13 घंटे) लगते है.
• इस पुल की लंबाई 1.3 किलोमीटर है और इसका निर्माण 1,250 करोड़ रुपए की लागत में किया जा रहा है.
• रेलवे बोर्ड के (इंजीनियरिंग सदस्य) एम के गुप्ता के अनुसार पुल के दोनों ओर से प्रमुख मेहराब को स्थापित करने का काम शुरू कर दिया है. उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना के तहत चेनाब नदी के कटरा-बनिहाल खंड पर यह पुल बनाया जा रहा है.
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यह एक बड़ी परियोजना का हिस्सा है. इसका काम कोंकण रेलवे के माध्यम से एएफसीएएनएसएस द्वारा किया जा रहा है. यह काम मई 2019 तक पूरा किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
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पृष्ठभूमि-
इस पुल निर्माण काम अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री रहते वर्ष 2002 में आरम्भ किया गया. वर्ष 2008 में इसे असुरक्षित घोषित कर इस पर काम रोक दिया गया. वर्ष 2010 में पुल का काम फिर से शुरू कर दिया गया है. यह पुल अब एक नेशनल प्रोजेक्ट घोषित हो चुका है.
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