RBI का ऐतिहासिक फैसला, दी सभी तरह के कर्ज ब्याज में छूट

Mar 27, 2020, 16:11 IST

आरबीआई ने रेपो रेट में 0.75 प्रतिशत की कटौती कर दी है और रेपो रेट 5.15 प्रतिशत से घटाकर 4.40 प्रतिशत कर दिया है. इसके बाद बैंकों को आरबीआई से सस्ती दरों पर कर्ज मिल सकेगा.

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भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने कोरोना वायरस के संकट के बीच बड़ी राहत दी है. आरबीआई ने कोरोना वायरस से उपजे संकट की घड़ी में सभी तरह के कर्ज ब्याज में छूट देने की घोषणा की है. आरबीआई ने कर्ज देने वाले सभी वित्तीय संस्थानों को सावधिक कर्ज की किस्तों की वसूली पर तीन महीने तक रोक की छूट दे दी है.

आरबीआई ने कहा कि इससे कर्जदार की रेटिंग (क्रेडिट हिस्ट्री) पर कोई असर नहीं पड़ेगा. साथ ही बैंकों को ईएमआई पर भी छूट देने की सलाह की है, जिसके बाद बैंक ग्राहकों के लिए जल्द ही घोषणा कर सकते हैं. यह जानकारी आरबीआई के गवर्नर शशिकांत दास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी.

मुख्य बातें

• आरबीआई ने रेपो रेट में 0.75 प्रतिशत की कटौती कर दी है और रेपो रेट 5.15 प्रतिशत से घटाकर 4.40 प्रतिशत कर दिया है. इसके बाद बैंकों को आरबीआई से सस्ती दरों पर कर्ज मिल सकेगा.

• आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट भी 0.90 प्रतिशत से घटाकर 4 प्रतिशत कर दिया है. रिवर्स रेपो रेट वो दर है जिस पर आरबीआई शॉर्ट टर्म के लिए बैंकों से कर्ज लेता है.

• बैंकों और एनबीएफसी को तीन महीने का मोराटोरियम दिया गया है. इसके तहत उन्हें कर्ज और ब्याज अदा करने में तीन महीने की छूट दी गई है और इसके जरिए बैंकों और एनबीएफसी को राहत दी गई है.

• आरबीआई ने कैश रिजर्व रेशियो (CRR) में 100 बेसिस प्वाइंट की कटौती करके तीन प्रतिशत कर दिया गया है. यह एक साल तक की अवधि के लिए किया गया है. इससे देश के बैंकिंग सिस्टम में करीब 1.37 लाख करोड़ रुपये आएंगे.

• आरबीआई गवर्नर ने एक बार फिर डिजिटल बैंकिंग और पेमेंट को बढ़ावा देने हेतु कहा कि इस कठिन समय में लोगों को सुरक्षित रहने के लिए जो भी उपाय करने हों, वो उन्हें करने चाहिए.

• आरबीआई ने कहा कि मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी कैप (एमएसएफ) 2 प्रतिशत से बढ़ाकर 3 प्रतिशत की गई है, इसके साथ ही नेट फंडिंग रेश्यो नियम को 6 महीने के लिए टाला जा रहा है.

• आरबीआई ने लिक्विडिटी एडजस्टमेंट फैसिलिटी (LAF) को 0.90 प्रतिशत घटाकर 4 प्रतिशत कर दिया है जिससे सिस्टम में और ज्यादा लिक्विडिटी का रास्ता साफ हो सकेगा.

रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट क्या है?

आरबीआई बैंकों को जिस रेट पर कर्ज देता है उसे रेपो रेट कहते है. इसी आधार पर बैंक भी ग्राहकों को कर्ज मुहैया कराते हैं. रेपो रेट कम होने से बैंकों को बड़ी राहत मिलती है. बैंक भी इसके बाद कर्ज को कम ब्‍याज दर पर ग्राहकों तक पहुंचा सकते हैं.

रिवर्स रेपो रेट वह दर होती है जिस पर बैंकों को उनकी ओर से आरबीआई में जमा धन पर ब्याज मिलता है. बाजारों में नकदी की तरलता को नियंत्रित करने में रिवर्स रेपो रेट काम आती है. नकदी बाजार में जब भी बहुत ज्यादा दिखाई देती है तो आरबीआई रिवर्स रेपो रेट बढ़ा देता है, जिससे की बैंक ज्यादा ब्याज कमाने हेतु अपनी रकम उसके पास जमा करा दे.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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